एमफिल और पीएचडी छात्राओं को अभी 240 दिन की मैटरनिटी लीव
नई दिल्ली : अब से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही छात्राओं को भी मैटरनिटी लीव दी जा सकेगी। विश्विद्यालय अनुदान आयोग ने इस संबंध में सभी विश्विद्यालयों के कुलपतियो को निर्देश देते हुए कहा कि, यूजी और पीजी कर रही छात्राओं को मैटरनिटी लीव और अटेंडेंस में राहत देने के लिए नियम और मानदंड तैयार किए जाएं।
यूजीसी के सचिव ने सभी विश्वविद्यालयों को लिखा पत्र
अटेंडेंस, एग्जाम एप्लीकेशन फाॅर्म और बाकी सभी चीजों में छूट दी जाएगी
यूजीसी ने अपने पत्र में लिखा कि ‘विनियम 2016 के प्रावधान के तहत महिला उम्मीदवार को एमफिल ओैर पीएचडी के दौरान मातृत्व अवकाश के लिए 240 दिन का अवकाश दिया जाता है। यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने सभी विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा है कि अगर यूजी और पीजी में कोई छात्रा अगर प्रेग्नेेंट है तो उसे अटेंडेंस, एग्जाम एप्लिकेशन फाॅर्म और बाकी सभी चीजों में छूट दी जाएगी।

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कितने दिन अवकाश मिलेगा ये नहीं बताया गया
पत्र में यह भ्ज्ञी लिखा गया कि एमफिल और पीएचडी की छात्राओं की तरह ही यूजी और पीजी की छात्राओं को भी मातृत्व अवकाश दिया जाए। हालांकि पत्र में यह साफ नहीं किया गया कि यूजी और पीजी की दात्राओं को कितने दिन का मातृत्व अवकाश दिया जाएगा। यह फैसला कोई भी संस्थान अपने स्तर पर कर सकता है। बता दें कि इससे पहले यूजीसी नियमन 2011 के अनुसार अब तक एमफिल और पीएचडी की छात्राओं को ही मातृत्व अवकाश दिया जाता था। यह अवकाश 240 दिन का हाता था वहीं यूजी और पीजी में अवकाश नहीं देने की वजह से कई छात्राऐं आगे शोध नहीं कर पाती थीं। आयोग की ओर से कहा गया कि संस्थान अपने स्तर पर नियम को लागू कर सकते हैं। हालांकि कितने दिन की लाव देनी है यह संस्थान के ऊपर निर्भर करेगा। बता दें कि इससे पहले मैटरननिटी लीव ना मिल पाने के कारण छात्राएं आगे पढ़ाई नहीं कर पाती थीं।
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