School Reopening 2022 – 2023 : आज की पोस्ट में हम आपको बताएंगे स्कूल खोलने और स्कूल ना खोलने के विरोध में चल रहे मामले के बारे में l स्कूलों को फिर से खोले जाने का विरोध भी किया जा रहा है , जिस पर अदालत ने ने बताया है कि स्कूल क्यों खोला जाना चाहिए l अदालत ने याचिकाकर्ता से कह दिया कि स्कूल नहीं जाने के कारण बच्चों का अधिक नुकसान हो रहा है और अब किसी के पास कोई आंकड़ा नहीं है जिससे कोई यह कह सके कि बच्चों के स्कूल जाने से वह कोविड-19 हो सकते हैं या उनमें गंभीर लक्षण होने का अंदेशा है l
School Reopening 2022 – 2023
मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्कूल पूरी तरह से खोलने के खिलाफ जनहित याचिका पर विचार करने से साफ मना कर दिया है क्योंकि उसमें कहा गया था कि इससे बच्चे के जीवन के अधिकार को को खतरा होगा l अब किसी के पास कोई आंकड़ा नहीं है और ना ही कोई निर्धारित कर सकता है कि बच्चों को स्कूल भेजने पर वह संक्रमित हो सकते हैं या उन्हें स्कूल भेजना, जोखिम के दायरे में आएगा l
स्कूल को नहीं खोलने के लिए अनुरोध : दोस्तों पांडे जी ने याचिका में अनुरोध किया है कि जब तक स्कूल जाने वाले सभी विद्यार्थियों का पूरी तरह से टीकाकरण नहीं किया जाता तब तक स्कूलों को 1 अप्रैल से खोलने का आदेश वापस लेना चाहिए l लेकिन अदालत ने अभी तक इस पर कोई आदेश जारी नहीं किया और अदालत का कहना है कि छात्रों को संक्रमण हो जाए इसका कोई आंकड़ा अब बाकी नहीं रह गया है अतः स्कूलों को पुनः खोल देना चाहिए l
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अप्रैल से प्रारंभ होते हैं नए सत्र
हर वर्ष अप्रैल माह से नए सत्र की शुरुआत की जाती है जिसमें छात्र-छात्राएं अपनी अगली कक्षा के लिए प्रवेश लेते हैं या वह अगर दूसरे स्कूल में माइग्रेट होना चाहते हैं तो वह अप्रैल में ही माइग्रेट हो जाते हैं उनका एडमिशन कर दिया जाता है l लेकिन इस बार वायरस का खतरा तो नहीं है लेकिन फिर भी कुछ लोगों का कहना है कि अभी स्कूलों को ना खोला जाए छात्र-छात्राओं को स्कूल ना पहुंचाया जाए अभी भी उनको संक्रमण होने का खतरा है, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है l
अदालत का स्कूल के मामले में बयान
स्कूल को खोलने पर चल रही मामले में अदालत ने कहा कि याचिका याचिकाकर्ता की अपनी राय पर आधारित है और उसके पास उस आशंका पर विचार करने का कोई ठोस आधार नहीं है जो उसने व्यक्त किया है l
कोरोनावायरस हो या ओमी क्रोन अब पूरी तरह से इन संक्रमण का हमारे देश से खात्मा हो रहा है ऐसे में अगर अभी भी स्कूलों को खोला नहीं गया तो छात्रों को अगले वर्ष की कक्षा में भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगाl

स्कूल ना जाने से बच्चों को होते हैं यह नुकसान
दोस्तों पोस्ट अगर आपने पढ़ ली है तो आपके मन में जरूर यह सवाल आता होगा कि, अदालत ने यह क्यों कहा कि स्कूल ना जाने से छात्रों का नुकसान होता है, बल्कि इससे तो बच्चों का स्वास्थ्य सही होगा संक्रमण से बचे रहेंगे, लेकिन दोस्तों यह आपकी गलतफहमी है क्योंकि अब कोरोनावायरस, या ओमी कोरोना वायरस हमारे देश में पूरी तरह से खत्म हो चुका है, अब इन वायरस के बढ़ने की संभावना ना के बराबर हो चुकी है l आइए जानते हैं कि छात्रों को स्कूल न जाने से कौन-कौन से नुकसान हो सकते हैं l
- स्कूल ना जाने से छात्रों की हैंडराइटिंग खराब हो जाती है क्योंकि वह लिखने की आदत खो दिए होते हैं
- स्कूल ना जाने से उन्हें वक्त की कद्र नहीं होती
- स्कूल ना जाने से उनके दिमाग की मेमोरी में भी काफी फर्क पड़ता है
- स्कूल ना जाने से उनका अनुशासन दिन-ब-दिन कम होता जाता है
- स्कूल ना जाने से वह अगली कक्षा में अच्छे से पढ़ाई करने की तैयारी भी नहीं कर पाते
- स्कूल ना जाने वाले बच्चे को पेपर के समय काफी परेशानी होती है
- स्कूल ना जाने से अनुपस्थिति की स्थिति में बच्चों को एक्सटर्नल मार्किंग नहीं दी जाती
FAQs about keyword
1 क्या अभी सरकार ने स्कूल खोले जाने पर कोई फैसला नहीं लिया है ?
दोस्तों सरकार का तो कहना है कि स्कूलों को खोल दिया जाए लेकिन अभी कुछ याचिका ने स्कूलों को ना खोलने का अनुरोध किया है l
2 दिल्ली में स्कूल कब से खोली जाएंगी ?
दोस्तों अदालत का पुख्ता आदेश जारी होने के बाद ही बताया जा सकेगा कि कब से स्कूलों को खोला जाएगा l
3 क्या इस वर्ष अप्रैल माह से नए सत्र का प्रारंभ होगा ?
दोस्तों इस मामले में अभी तक सरकार ने कोई आदेश जारी नहीं किया है l हो सकता है कि नए सत्र का आगाज देर से किया जाए l
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