मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर मंगलवार से कक्षा 1 से 12वीं तक सभी स्कूल 50% क्षमता के साथ खुल जाएंगे। हालांकि पेरेंट्स ने सरकार के इस फैसले से असहमति जताई है। उनका कहना है कि कोरोनावायरस पहली-दूसरी लहर मार्च-अप्रैल मे ही आई थी। अभी भी तीसरी लहर का खतरा टला नहीं है। इसलिए बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर स्कूल खोलने का फैसला अप्रैल के बाद लेना चाहिए। वही स्कूल संचालकों ने सरकार के इस फैसले को बच्चों के हित में बताया है।
पेरेंट्स क्या कहते हैं – आइए जानते हैं-
पहली और दूसरी लहर से सबक लेते हुए अभी स्कूल खोलना उचित नहीं है। दोनों लहरें मार्च-अप्रैल में आई थी। इसलिए अप्रैल के बाद निर्णय लिया जाए, छोटे बच्चों की परीक्षाएं ऑनलाइन और 10वीं 12वीं की परीक्षाएं सरकार सुरक्षा के साथ करा सकती है। बच्चे 2 साल से स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, अभी बीच में स्कूल खुले भी थे तो कोरोना की तीसरी लहर के कारण फिर बंद करना पड़ा। अब परीक्षा के समय बच्चों को शिक्षकों का मार्गदर्शन मिलना जरूरी है। इसलिए 50% स्कूल खोलने का सरकार का निर्णय ठीक है।
स्कूल संचालक बोले-
परीक्षा का समय चल रहा है, बच्चों ने साल भर मेहनत कर पढ़ाई की है, अभी स्कूल बंद होने से कुछ कक्षाओं के कोर्स बाकी है, उसे पूरा कराने और रिवीजन के लिए स्कूल खोलना जरूरी है। बच्चों को सुरक्षा के साथ भेजा जा सकता है। 2 साल से शिक्षा व्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर इस बार कोरोना कि स्थिति नियंत्रण में है, बच्चों की सुरक्षा तो जरूरी है ही साथ ही उनके भविष्य को देखते हुए परीक्षा भी जरूरी है।

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पेरेंट्स के मन में है यह सवाल ?
- बच्चे को स्कूल भेजना चाहते हैं, लेकिन कोरोना का भी डर है?
- क्या बच्चे सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रख पाएंगे?
- क्या बच्चों को कोरोना की वैक्सीन लगवाने के बाद ही स्कूल भेजें?
ऐसे कई सवाल हैं जिनसे आजकल लगभग हर माता-पिता जुझ रहे हैं। कई राज्यों में सरकार ने स्कूल खोलने के आदेश दिए हैं, लेकिन अब अभिभावकों को बच्चों को स्कूल भेजने का फैसला लेना है।
अन्य राज्यों में स्कूल कब से खुलेंगे-
बीते साल मार्च में कोरोनावायरस को फैलाने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन लगाया गया था। और सभी स्कूल बंद कर दिए गए थे। इस दौरान बच्चों के पढ़ाई पर असर न पड़े इसलिए ऑनलाइन क्लासेस के जरिए एक नई तरह की व्यवस्था बनी और बच्चों ने पाठ्यक्रम की अपनी पढ़ाई जारी रखी ।लेकिन अब कुछ राज्यों में 9वीं कक्षा से तो कुछ में 6वीं कक्षा से स्कूल खुल रहे हैं। राजधानी दिल्ली में 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं के लिए स्कूल खुल चुके हैं। राजस्थान और बिहार में 8 फरवरी से छठी से आठवीं तक के स्कूल खुल गए हैं।
उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से छठी से आठवीं और 1 मार्च से पहली से पांचवी तक की कक्षा के छात्रों के लिए स्कूल खुलेंगे। पंजाब में प्राथमिक कक्षाएं और नौवीं से 12वीं तक की कक्षाएं खुल चुकी है महाराष्ट्र में कुछ शहरों में पांचवी से बारहवीं तक स्कूल खुल चुके हैं हालांकि मुंबई में अभी स्कूल नहीं खुले हैं। वहीं तमिलनाडु में दसवीं और बारहवीं की कक्षाएं पहले ही खुल चुकी है और आठ फरवरी से 9वी की कक्षायें गई है।
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