एमपी में शिक्षकों को अब नहीं मिलेगी छुट्टियाँ | Mp Teachers holiday news

Mp Teachers holiday news
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स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार मंत्रालय में स्कूल शिक्षा विभाग की प्रदेश में समग्र शिक्षा की वर्ष 2021-22 की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने भी कलेक्टरों से हाल के दौरान वीडियो कान्फ्रेंसिंग में कहा कि शिक्षकों के ऐसे समय में सभी अवकाश रद्द किए जाएं। श्री परमार ने कहा कि विद्यालयों में स्वच्छता और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें। छात्रावासों में बेहतर सुविधाएं प्रदान करें। विद्यार्थियों को बेहतर तकनीक आधारित शिक्षा देने की व्यवस्था करें। उच्च स्तरीय लाइब्रेरी और प्रयोगशाला की सुविधाएं दे।

एमपी में शिक्षकों को अब नहीं मिलेगी छुट्टियाँ | Mp Teachers holiday news

ड्रॉपआउट बच्चों को योजनाबद्ध तरीके से शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ें। राज्य मंत्री श्री परमार ने स्कूल शिक्षा विभाग, लोक शिक्षण संचालनालय और राज्य शिक्षा केंद्र की वित्तीय समीक्षा करते हुए संचालित योजनाओं की जानकारी ली।

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विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा देने की व्यवस्था करें

उन्होंने कहा कि आगामी वित्तीय वर्ष के बजट की कार्य योजना में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को केंद्र में रखें। बजट की राशि का छात्रों के हित में सदुपयोग करें। शाला प्राचार्यों और संस्था प्रमुखों को बजट की राशि उपयोग करने संबंधी सरल दिशा निर्देश जारी करें और उन्हें प्रशिक्षण दें। वर्ष भर में कम से कम 2 बार अभियान चलाकर विद्यालयों को चैक करें और विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं का परीक्षण करें। राज्य मंत्री ने शालाओं का उन्नयन, आवासीय छात्रावास निर्माण कार्य परिवहन सुविधा, निःशुल्क गणवेश आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की और निर्देश दिए।

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बोर्ड परीक्षा के चलते प्रदेश में अब नहीं दी जाएगी शिक्षकों को छुट्टियां

बोर्ड परीक्षाओं की नजदीकी को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग शिक्षकों की ड्यूटी के प्रति सक्रिय हुआ है। कलेक्टरों को निर्देश जारी किए गए हैं कि शिक्षकों के समस्त अवकाश रद्द किए जाएं। आगे अगर कोई शिक्षक अवकाश लेना चाहता है तो प्रमाणित कारणों का पता लगाकर ही छुट्टी पर विचार हो बताना होगा कि अगले सप्ताह से दसवीं एवं बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं प्रारंभ होने जा रही हैं। 17 फरवरी से बारहवीं जबकि 18 फरवरी से दसवी की परीक्षाएं प्रारंभ हो रही हैं।

शिक्षकों की उपस्थिति होगी अनिवार्य

प्रदेश में अब केवल एक सप्ताह बाकी है बोर्ड परीक्षा के आगमन को, इन परिस्थतियों को देखते हुए शिक्षकों की कक्षाओं में मौजूदगी बेहद जरूरी है। कारण है कि परीक्षाओं में मात्र एक सप्ताह का समय शेष बचा है। जबकि 50 प्रतिशत संख्या अनुपात में निरंतर बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं। इस कारण बच्चों की विषय तैयारी करवाना आवश्यक है। विभाग के अलावा माध्यमिक शिक्षा मंडल ने भी कलेक्टरों से हाल के दौरान वीडियो कान्फ्रेंसिंग में कहा कि शिक्षकों के ऐसे समय में सभी अवकाश रद्द किए जाएं।

शिक्षकों पर रखी जाएगी निगरानी

जितनी भी महिला शिक्षकों को चाइल्ड केयर लीव दी जाती है। उस पर भी ऐसे समय में विराम लगाया जाए। मंडल अधिकारियों के अनुसार अगर कोई शिक्षक बीमारी का हवाला देकर अवकाश लेना चाहता है तो मेडीकल बोर्ड से पूरी प्रमाणिकता हासिल की जाए। उसके बाद ही शिक्षकों के अवकाश पर विचार हो। यह भी कहा गया कि शिक्षकों की मौजूदगी पर पूरी नजर रखी जाए। अगर कोई शिक्षक स्कूलों से गायब रहता है तो उन पर तत्काल कार्यवाही की जाए। मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मुकेश मालवीय के अनुसार पूर्व की तरह इस बार भी यह व्यवस्था है। अब जिला स्तर पर समुचित व्यवस्था बनाने की जवाबदारी कलेक्टरों पर छोड़ी गई है।

मंडल ने शासन को भेजा अत्यावश्यक सेवा का प्रस्ताव

चंद दिन बाद होने वाली दसवीं बारहवीं की परीक्षाओं को लेकर माध्यमिक शिक्षा मंडल ने शासन को अत्यावश्यक सेवा (एस्मा) लगाने का प्रस्ताव भेजा है। ताकि शिक्षकों विभाग से जुड़े अन्य कर्मचारियों से शत-प्रतिशत कार्य विद्यालयों में करवाया जा सके। बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि यह व्यवस्था लागू होने से कोई शिक्षक छुट्टी नहीं ले पाएगा। इधर स्कूल शिक्षा विभाग में अधिकारियों का कहना है कि एक या दो दिन में एस्मा लागू कर दिया जाएगा।

विभाग के अलावा मंडल ने कहा शिक्षकों को परीक्षा कार्य में देना होगा पूरा समय

अटैचमेंट फिर भी करोड़ों रुपए बर्बाद

इधर शिक्षक पद से अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेने वाले वरिष्ठ कर्मचारी नेता मुरारीलाल सोनी ने राज्य सरकार से मांग की है कि प्रदेश में शिक्षकों का तत्काल अटैचमेट समाप्त किया जाए। सोनी का कहना है कि लोक शिक्षण राज्य शिक्षा केन्द्र, संस्कृत बोर्ड, राज्य ओपन, डीईओ डीपीसी एवं बीआरसीसी, प्रशासन अकादमी जैसे कार्यालयों से लेकर अनेक जनप्रतिनिधियों के यहां पर शिक्षकों का अटैचमेंट है।

शिक्षक काम दूसरी जगह कर रहे, जबकि स्कूलों से उनका वेतन आहरण हो रहा है। हजारों की संख्या में विषय शिक्षक अटैच है। जबकि इनकी जगह खाली पदों पर अतिथियों को रखना पड़ रहा है। उन्होंने कहा है कि इस व्यवस्था के कारण सरकार के खजाने से करोड़ों रुपए व्यर्थ में खर्च हो रहा है। नतीजतन सरकार को इस व्यवस्था पर ध्यान देने की जरूरत है। इन सभी शिक्षकों की ड्यूटी परीक्षा कार्य में लगाई जानी चाहिए।

महत्वपूर्ण जानकारियाँ —

“बोर्ड परीक्षा के लिए TIPS & TRICKS के लिए यहाँ पर क्लिक करें। ”

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About Touseef 3649 Articles
Tauseef was born in Deharadoon, Uttarakhand. He began writing in 2021, and has contributed to the educational and finance content. He lives in Nainitaal.