MP School Grading List 2022 : 9वीं से 12वीं तक के स्कूलों की ग्रेडिंग में भोपाल जिले को मिला 19 वां स्थान, प्रदेश में दमोह जिले का रहा पहला स्थान, सबसे आखिरी में खरगौन को मिली जगह – आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको MP School Grading List के बारे में बताने वाले है, जिसको एमपी बोर्ड ने जारी किया है तथा आप MP School Grading List के माध्यम से अपने जिले के बारे में भी पता कर सकते हो कि आपके जिले का कोन स स्थान है।
MP School Grading List
लोक शिक्षण संचालनालय ने पहली बार नवम से बारहवीं तक के स्कूलों को लेकर जिलों की ग्रेडिंग गुरुवार को जारी कर दी है। ग्रेडिंग में भोपाल जिले को 19 वां स्थान मिला है। ग्रेडिंग में पहले स्थान पर दमोह व सबसे आखिरी स्थन पर खरगौन को जगह मिली है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकारी स्कूलों की रैंकिंग प्रणाली विकसित करने और सीएम डैशबोर्ड में प्रदर्शित करने के निर्देश दिए थे। जिस पर अमल करते हुए राज्य शिक्षा केंद्र ने बीती 20 मई को सभी 52 जिलों की रैंकिंग जारी कर दी थी दूसरी बार जिलों की रैंकिंग बीती 15 सितंबर को जारी कर दी गई थी।
मुख्यमंत्री के निर्देश के करीब आठ महीने बाद लोक शिक्षण संचालनालय ने नवमीं से बारहवीं तक के स्कूलों को लेकर आठ बिंदुओं पर जिलों की रैकिंग जारी की है। आयुक्त लोक शिक्षण अभय वर्मा द्वारा जारी की गई रैंकिंग में भोपाल जिले को 19वां स्थान मिला है। पहले स्थान पर दमोह जिला व सबसे आखिरी स्थान खरगौन का रहा है। इस आर्टिकल में आप MP School Grading List के बारे में पढ़ रहे है।

पहली बार आठ बिंदुओं के आधार पर की गई ग्रेडिंग
लोक शिक्षण ने पहली बार जारी की गई ग्रेडिंग में आठ बिंदु शामिल किए है। इसमें स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता, प्रशिक्षण, आवश्यक अधोसंरचना, विभिन्न शासकीय योजनाओं की हितग्राहियों तक समय पर पहुंच आदि कार्य प्राथमिकता से किये जा रहे हैं। इसी क्रम में जिलों में संचालित गतिविधियों, योजनाओं एवं विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा के आधार पर जिलों की ग्रेडिंग निर्धारित की गई है। जिला स्तरीय ग्रेडिंग निर्धारित करने में प्रमुख रूप से वार्षिक परीक्षा परिणाम, सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का निराकरण, व्यासायिक शिक्षा हेतु नामांकन, निष्ठा प्रशिक्षण, इन्सपायर अवार्ड, विद्यालयों में टेबलेट की उपलब्धता, ब्रिजकोर्स, नामांकन एवं ठहराव इत्यादि मानकों में जिलों के प्रदर्शन की समीक्षा की गई।
तीन महीने बाद फिर जारी होगी ग्रेडिंग
लोक शिक्षण ने कहा है कि आगामी तिमाही में स्कूल पर आईसीटी योजना का क्रियान्वयन, छमाही परीक्षा परिणाम, छात्रवृत्ति वितरण, परिवेदना निवारण, उपचारात्मक कक्षाओं का आयोजन, शैक्षणिक मॉनीटरिंग, वित्तीय व्यय आदि बिन्दुओं को भी शामिल किया जाएगा।
सीएम हेल्पलाइन के निराकरण में पीछे रहा भोपाल
भोपाल जिले को वार्षिक परीक्षा परिणाम में 20 में से 12.1 अंक मिले है, जबकि सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों में 10 में से 7.1 नंबर है। इंस्पायर अवार्ड व वोकेशनल में दस में से दस अंक मिले है। जबकि निष्ठा ट्रेनिंग में 10 में से 5.2 अंक मिले है।
तीन सौ से ज्यादा शिक्षक सरप्लस होने के बाद पिछड़ जाता है भोपाल भोपाल जिले में तीन सौ से ज्यादा शिक्षक सरप्लस है। अधिकांश अधिकारी व कर्मचारी सालों से एक ही पद पर जमे है। जिले में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने सर्जरी करने की कोशिश की, लेकिन उनकी अधिकारी भी नहीं सुन रहे है। नतीजा यह है कि स्कूल शिक्षा विभाग के रिपोर्ट कार्ड में भोपाल जिला पिछड़ जाता है।
राज्य शिक्षा केंद्र के बीते 15 सितंबर को जारी रैकिंग में पीछे से दूसरे नंबर की रैंक आई थीं। प्रदेश के 52 जिलों में भोपाल को 51 वां स्थान मिला था पहली से आठवीं की व्यवस्था करने का जिम्मा डीपीसी कार्यालय का होता है। डीपीसी कार्यालय में अभी तक परीक्षा होने के बाद एपीसी, बीआरसीसी व बीएसी नियुक्ति के नहीं हो सकी है। अब लोक शिक्षण की रैकिंग में 19 वां स्थान मिला है। हालांकि यह स्थान ए ग्रेड में है।
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