प्रदेश में कोरोना के बढ़ते प्रकरणों ने बढ़ाई परिजन की चिंता
भोपाल : प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से कोरोना पॉजिटिव के आंकड़ों में लगातार इजाफा हो रहा है। इनमें भी भोपाल और इंदौर शहरों में सबसे ज्यादा केस मिल रहे हैं। इसको लेकर खासतौर से छोटे बच्चों के पैरेंट्स चिंतित हैं। नतीजतन प्रदेश में प्रायमरी स्कूलों को बंद करने की मांग उठने लगी है।
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा 50 प्रतिशत उपस्थिति करने के बाद विभागीय अधिकारी भी इस संबंध में उच्च स्तर पर चर्चा कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण की स्थिति पर लगातार नजर रखने के साथ ही विशेषज्ञों से इस पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। इससे लगता है कि शीघ्र ही प्रायमरी स्कूल की कक्षाएं बंद की जा सकती हैं।
50 फीसदी के साथ खुलेंगे स्कूल
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले भोपाल और इंदौर में एक एक छात्रा कोरोना पॉजिटिव मिल चुकी है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पहले 100 फीसदी उपस्थिति और फिर छह दिन के भीतर ही आदेश को पलटकर 50 फीसदी उपस्थिति के साथ स्कूलों में कक्षाओं के संचालन के आदेश जारी किए गए, लेकिन प्रायमरी स्कूलों के बच्चों के लिए अभी तक किसी तरह की गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। इससे अभिभावकों में असंतोष हैं। ऐसे में अभिभावक 50 फीसदी उपस्थिति के बावजूद फिलहाल स्कूल बंद रखने और ऑनलाइन कक्षाएं ही जारी रखने की मांग कर रहे हैं।

अधिकतर अभिभावक छोटी कक्षाओं में पढ़ने वाले अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं, जो भेज रहे थे, उसमें भी अब कमी आई है। स्कूलों के मुद्दे को लेकर फिलहाल अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। इस संबंध में जब स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी से संपर्क करना चाहा तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
कोरोना की थर्ड वेब का खतरा
अभिभावक कोरोना की थर्ड वेव से बच्चों को ज्यादा खतरा है। स्कूल भले ही पचास फीसदी क्षमता के साथ खोले गए है, लेकिन इससे कोरोना का खतरा कम नहीं हुआ है। बच्चों को जोखिम में डालना ठीक नहीं है। इस पर ध्यान देना जरूरी है।फिलहाल प्रायमरी में पढ़ने वाले बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लासेस ही बेहतर विकल्प है। कोरोना के चलते बच्चों के मामले में किसी भी तरह का जोखिम उठाना ठीक नहीं है। स्थिति सामान्य होने पर स्कूल खोले जा सकते हैं।सरकार बच्चों की सुरक्षा को लेकर नहीं है
गंभीर मप्र पालक महासंघ के अध्यक्ष कमल विश्वकर्मा का कहना है कि प्रदेश में लगातार स्थिति बिगड़ती जा रही है, लेकिन सरकार बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नजर नहीं आ रही है। हम जल्द ही स्कूल बंद कराने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री सहित स्कूल शिक्षा मंत्री से मुलाकात करेंगे। इस पर जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो हम कोर्ट की शरण लेंगे।
नियमित की जा रही है कोरोना की समीक्षा फिलहाल अभी 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ स्कूल खोले जा रहे हैं। इसके साथ ही नियमित कोरोना के प्रकरणों की भी समीक्षा की जा रही है। जो भी निर्णय होगा विभाग स्तर पर होगा।नितिन सक्सेना, जिला शिक्षा अधिकारी, भोपाल
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