शैक्षणिक सत्र 2021-22 बीतने में सिर्फ एक महीना शेष है और प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों की फीस तक तय नहीं हुई है। यह स्थिति तब है, जब मध्य प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों ( पाठ्यक्रम) की फीस तय करने और उन पर नजर रखने के लिए मप्र निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग है। आयोग 10 महीने में प्रदेश के सभी 39 निजी विश्वविद्यालयों से प्रस्ताव तक नहीं मंगा पाया ।ज्ञात हो कि इन विश्वविद्यालयों में सवा लाख से ज्यादा विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। समय से फीस तय न होने का खामियाजा बाद में विद्यार्थियों को भुगतना पड़ेगा। मसलन, विश्वविद्यालय की सुविधा को देखकर आयोग कम फीस तय करता है, तब भी विद्यार्थी को उतनी ही फीस चुकानी होगी, जिनती प्रवेश से पहले मैनेजमेंट से तय हुई है।
विनियामक आयोग ने 12 मार्च 2021 को शैक्षणिक कैलेंडर 2021 – 22 घोषित किया था और 15 अप्रैल तक सभी निजी विश्वविद्यालयों से पाठ्यक्रम अनुसार फीस के लिए प्रस्ताव मांगे थे, पर हैरत की बात है कि 30 अप्रैल तक एक भी निजी विश्वविद्यालय ने प्रस्ताव नहीं दिया। उन्होंने कोरोना संक्रमण के कारण कामकाज ठप होने का तर्क दिया। इस तर्क से सहमत होते हुए आयोग ने 31 जुलाई 2021 तक का समय दे दिया। इस अवधि में भी 11 निजी विश्वविद्यालयों ने ही प्रस्ताव दिया। फिर अक्टूबर 2021 तक अन्य तीन के प्रस्ताव आए। परीक्षण में तीन विश्वविद्यालयों के प्रस्ताव ठीक पाए गए।
आयोग के प्रयास विफल, अब भी 15 विवि के नहीं आए प्रस्ताव
जानकार बताते हैं कि विश्वविद्यालयों से प्रस्ताव मंगाने के मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के सारे में यह शैक्षणिक सत्र समाप्त हो रहा है और 15 विश्वविद्यालयों के प्रस्ताव अब भी नहीं रे आए है। इसलिए संबंधित विश्वविद्यालयो की फीस भी तय नहीं हो पा रही है। जबकि 11 के प्रस्तावों में कमी पाई गई, जिससे उन्हें वापस लौटा दिया गया। बार-बार स्मरण कराने के बाद भी नवंबर एवं दिसंबर 2021 तक 10 और विश्वविद्यालयों ने ही प्रस्ताव भेजे। 20 निजी विश्वविद्यालयों की फीस तय कर दी है। कुछ और बचे हैं। उनकी भी 12 फरवरी तक तय कर देंगे। भरत शरण सिंह अध्यक्ष, मप्र निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग।
- Class 12 physics formula pdf in hindi 2022
- UP Pre board exam 2022
- up board exam center list 2022
- Mp Board Exam 2022

अब भी 15 विश्वविद्यालयों के नहीं आए प्रस्ताव
जानकार बताते हैं कि विश्वविद्यालयों से प्रस्ताव मंगाने के आयोग के सारे प्रयास नाकाफी साबित हुए। मार्च 2022 में यह शैक्षणिक सत्र समाप्त हो रहा है और 15 विश्वविद्यालयों के प्रस्ताव अब भी नहीं आए हैं। इसलिए संबंधित विश्वविद्यालयों की फीस भी तय नहीं हो पा रही है। इस मामले में विश्वविद्यालयों ने आयोग की भी एक नहीं सुनी। बार-बार स्मरण कराने के बाद भी नवंबर एवं दिसंबर 2021 तक 10 और विश्वविद्यालयों ने ही प्रस्ताव भेजे। ऐसे में पूरा सत्र बीत गया और आयोग पाठ्यक्रमों की फीस तय करना तो दूर विश्वविद्यालयों से प्रस्ताव तक नहीं मंगा पाया।
महत्वपूर्ण जानकारियाँ —
“बोर्ड परीक्षा के लिए TIPS & TRICKS के लिए यहाँ पर क्लिक करें। ”
JOIN WHATSAPP GROUP | CLICK HERE |
JOIN TELEGRAM GROUP | CLICK HERE |
PHYSICSHINDI HOME | CLICK HERE |