भोपाल : अगले महीने माध्यमिक शिक्षा मंडल दसवीं-बारहवीं में पढ़ने वाले करीब 20 लाख विद्यार्थीयों को परीक्षाएं आयोजित करने जा रहा है। उसके बावजूद दो सप्ताह निकलने के बाद भी सरकार यहां पर सक्षम अधिकारी की पदस्थापना नहीं पर पाई है। जबकि परिस्थतियों को देखते हुए तत्काल किसी दूसरे अफसर का प्रदांकन होना आवश्यक था।
अगले महीने से बोर्ड परीक्षाएं, सक्षम अफसर की नहीं हो पाई पदस्थापना
31 दिसंबर को माध्यमिक शिक्षा मंडल से उमेश कुमार सिंह सेवानिवृत हुए थे। तब माना जा रहा था कि सरकार अगले ही दिन किसी दूसरे अधिकारी की यहां पर पदस्थापना कर सकती हैं। कारण भी है कि सचिव पर ही परीक्षा तैयारी का पूरा दारोमदार रहता है। अब वर्तमान में देखें तो लगभग सवा सो परीक्षा केंद्रों का निर्धारण नहीं हो पाया है। यहा पर अधिकारी और कर्मचारी का कहना है कि सचिव की पदस्थापना होना अति आवश्यक है।
15 फरवरी के बाद हैं परीक्षाएं
प्रदेश में दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षाएं 15 फरवरी से आयोजित होने वाली हैं। इसके लिए करीब 4 हजार केंद्रों का निर्धारण हुआ है। जहां पर करीब 20 लाख परीक्षार्थी सम्मिलित होकर इम्तिहान देंगे। अब अभी अनेक ऐसे कार्य हैं, जिस पर सचिव का अनुमोदन जरूरी है। परीक्षा सामग्री भेजने के लिए रूट तय होना है तो कलेक्टरों को सचिव के हस्ताक्षर से लैटर भी भेजना है, यह पूरा काम ठप पड़ा है।
कई जिलों में शिकायत, भोपाल में डीईओ ने कहा, कर रहे परीक्षण
कक्षाओं में शिक्षकों के कार्य का हिसाब रखने के लिए लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जिस शौक्षणिक डायरी को मैन्टेन करवाने का आदश जारी किया थाा। उसमें प्राचाय्र फिसड्डी हरहे हं। कई जिलों से इस प्रकार की शिकायत संचालनालय में आई है। लोक शिक्षण संचालनालय ने इस मामले मेूं दो महाह पूर्व आदेश जारी किए थे।

हाल ही में संचालनालय के अधिकारियों ने जब जिलों से इस संबंध की रिपोर्ट मांगी तो कई जिलों की नाकामी सामनेआई है। अकेले भोपाल संभाग में ही यह कार्य गंभीरता से नहीं किया गया है। सीहोर, रायसेन, विदिशा, राजगढ़ जैसे जिलों में यह काम ईमानदारी से नहीं हुआ है। सागर, दमोह, छतरपुर से भ्ज्ञी इसी प्रकार की शिकायतें हैं। जबकि स्कूल खुलने के बाद विषय शिक्षक को प्रतिदिन कक्षा डायर तेयार करन थी। इसमें यह उल्लेख किया जान कि उसने किस दिन कौनसा सब्जेक्ट बचचों को पढ़ाया है। किस तिथि को मासिक टेस्ट लिया है। ऐसे अनेक बिंदुओं का उल्लेख किया जाना था। बाकायद स्कूल स्तर प् संकुल प्राचार्य को इसकी माॅनीटरिंग करना थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया हैं।
नवंबरमें जारी किया गया था आदेश
कक्षाओं में बच्चों को समय से अध्यापन कराने क लिए पूर्व की तरह डायरी मैंटेन करने के आदेश जारी हुए थे। संचालनालय के संचालक केके द्विवेदी द्वारा जारी पत्र के अनुसार प्रकाशित शैक्षिक कैलेण्डर में माह फरवरी के पीछे प्राचार्य चार्टर एवं शिक्षक डायरी संबंधी निर्देश दिए गए थे, लेकिन यह कार्य प्रदर्शन का उल्लेख इसमें होना था। इधर यह भी बताना होगा कि शैक्षणिक डायरी तैयार करने में प्राचार्य हमेशा पीछे रहे हैं।
लगातार कर रहे डायरी का परीक्षणःसक्सेना
भोपाल में जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना का कहना हेकि राजधानी में नियमित रूप् से शिक्षक शैक्षणिक डायरी मैन्टेन कर रहे हैं। इसके लिए लगातार स्कूलों का निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण टीमें कक्षाओं में भी पहुंच रही हैं, जहां शिक्षक यह काम गंभीरता से करते पाया गया है। उन्होंने कहा कि अगर जहां इस कार्य में लापरवाही पाई जाएगी। वहां पर निश्चित रूप से कार्रवाई होगी।
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इसकी पूर्ति शीघ्र सुनिश्चित की जाए। दरअसल, दो तीन दिन के कोविड डेटासे यह पता चल रहा है कि कोरोना संक्रमण तेजी से फैल सकता है। अत: हर संभव तरीके से इसे रोकने के सभी प्रयास प्राथमिकता से किए जाएं। कोरोना कंट्रोल रुमसे प्रत्येक संक्रमित व्यक्ति के स्वास्थ्य की जानकारी की जाए। ऋोंने कांट्रेक्ट ट्रेसिंग, मरीजों की काउंसलिंग व घर-घर दवाईयां पहुंचाने की व्यवस्था को दुरस्त करने के निर्देश दिए।
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