म.प्र. प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2020 में आधार बायोमैट्रिक उपस्थिति के कारण परीक्षा से वंचित परीक्षार्थियों को पुनः अवसर दिये जाने एवं परीक्षा केन्द्र रीवा में बनाये जाने की मांग संबंधी ज्ञापन मंगलवार को संभागायुक्त कार्यालय रीवा में प्रस्तुत किया गया। संबंधित ज्ञापन के माध्यम से कमिश्रर रीवा का ध्यान आकृष्ट कराया गया है कि शिक्षा विभाग एवं आदिमजाति कल्याण विभाग संयुक्त रूप से प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) के द्वारा प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 5 मार्च से प्रतिदिन ऑनलाइन करा रहा है। पीईबी के नियमानुसार वही छात्र परीक्षा में बैठ सकते हैं जिनका आधार फिंगरप्रिंट स्कैन हो जाता है।
किन्तु कतिपय छात्र तकनीकी खराबी, जानकारी के अभाव में अपना आधार या तो अपडेट नहीं करा पाते हैं या सर्वर की गड़बड़ी का शिकार हो जाते हैं। उन्हें परीक्षा से वंचित होना पड़ जाता है। ऐसी परिस्थिति में परीक्षा में उपस्थिति कराने की अन्य कोई वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए। वर्षों से परीक्षा की तैयारी करने वाला प्रतियोगी छात्र महज इस कारण परीक्षा से वंचित हो जाता है कि उसका आधार फिंगर प्रिंट स्कैन नहीं हुआ उसकी साक्षात् उपस्थिति को भी नहीं माना जाता है। उसके अन्य कोई आईडी प्रूफ को भी अमान्य कर दिया जाता है। घटना का प्रत्यक्ष उदाहरण रूबी पाण्डेय है जिसका रोल नंबर 23225731 है। उक्त छात्रा का परीक्षा केन्द्र विन्ध्य इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेण्ट सतना है।
परीक्षाएं कम्पलीट नहीं, अगले माह से सत्र प्रारंभ करने की तैयारी में विभाग:-
एक तरफ स्कूलों में परीक्षाओं का कार्य अभी कम्पलीट नहीं हो पाया है। वहीं दूसरी ओर स्कूल शिक्षा विभाग अगले माह से नवीन शिक्षण सत्र प्रारंभ करने जा रहा है। विभाग का दावा है कि सत्र की युद्ध स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। बताना होगा कि मौजूदा समय में शिक्षकों के लिए सबसे ज्यादा चुनौतियां हैं। वर्तमान tilde 4 दसवीं एवं बारहवीं की संपन्न परीक्षाओं से संबंधित उत्तर पुस्तिकाओं का कार्य हो रहा है। मंगलवार से नवीं एवं ग्यारहवीं की परीक्षाएं प्रारंभ हुई हैं। जबकि अगले 1 अप्रैल से पांचवीं और आठवीं की परीक्षाएं प्रारंभ होने जा रही हैं। इसी बीच शिक्षामंत्री इंदर सिंह परमार ने राज एक्सप्रेस से चर्चा करते हुए बताया कि पूर्ववत अप्रैल से ही हम नवीन शिक्षण सत्र प्रारंभ करेंगे।
कार्य को लेकर कुछ परिस्थतियों में कठिनाई आती है तो सत्र की तिथि बदली जा सकती है, लेकिन अप्रैल से ही स्कूल खोले जाएंगे। शिक्षामंत्री ने कहा कि नवीन शिक्षण सत्र के लिए अधिकारियों के साथ बैठकों में चर्चा की जा रही है। यहीं मंथन किया जा रहा है कि 1 अप्रैल से यदि सत्र प्रारंभ होता है तो क्या क्या चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं। इधर जानकारी यह भी है कि अधिकारी अप्रैल के प्रारंभिक दिन की बजाय इस माह के अंत में सत्र प्रारंभ करने का सुझाव दे रहे हैं। इस सुझाव पर भी विभाग तेजी से विचार कर रहा है। स्कूल स्तर पर प्रारंभ हुई 11 वीं की परीक्षा-मंगलवार से नवीं एवं ग्यारहवीं की परीक्षाएं प्रारंभ की गई है।
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जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना ने बताया कि मंगलवार को 11वीं की अंग्रेजी का प्रश्न पत्र था। क हर संकुल स्तर पर यह परीक्षाएं करवाई गई हैं। शिक्षा अधिकारी का कहना है कि नवीं एवं ग्यारहवीं की परीक्षाओं का अगले सप्ताह से मूल्यांकन कार्य भी प्रारंभ कर दिया जाएगा। शिक्षकों की सुविधाओं का भुगतान हो-अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए कार्य कर रहे शिक्षकों ने लंबित सुविधाओं के भुगतान की मांग की है। राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विश्वजीत सिंह सिसौदिया का कहना है कि विभाग को इनकी समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है। शिक्षक एवं अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता सुभाष शर्मा का कहना है कि सरकार शिक्षकों की पदोन्नति पदनाम की मांग पूरी करे।
आधार लॉक का मामला:-
संभागीय आयुक्त की ओर प्रेषित ज्ञापन में बताया गया है कि उक्त छात्रा 7 मार्च 22 को परीक्षा केन्द्र सतना पहुंची थी किन्तु प्रथम प्रयास में उसकी फिंगर स्कैन नहीं हुई। परीक्षा केन्द्र के स्टाफ द्वारा आधार लॉक होना बताते हुये उसे -अनलॉक कराकर आने को कहा गया। सर्वर समस्या के कारण उसका आधार अनलॉक न हो सका। सेवा प्रदाता एजेंसी के टोल फ्री नंबर 1947 पर काल किया गया तथा एसएमएस भेजे गये किन्तु नतीजा सिफर रहा और छात्रा रूबी पाण्डेय को परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया। परीक्षार्थी के पास सेंटर में उपस्थिति के अन्य दस्तावेजी प्रमाण थे किन्तु उन्हें माना नहीं गया। ज्ञापन में सामाजिक कार्यकर्ता एड. बी. के. माला ने कहा है कि कमोवेश प्रकृति की घटनाएं प्रायः परीक्षा केन्द्र में प्रतिदिन हो रही हैं लिहाजा उनको पुनः परीक्षा का मौका दिये जाने के लिये गंभीरता पूर्वक विचार किया जाय। इस परीक्षा के लिये सतना, सागर, जबलपुर, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर को परीक्षा केन्द्र बनाया गया है। रीवा को परीक्षा केन्द्र बनाये जाने की मांग की गई है ताकि महिलाओं तथा दिव्यांगजनों को आने-जाने के लिये परेशानी का सामना न करना पड़े।
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