व्यवस्था:- बीमारी के बारे में कॉलेज के प्राचार्य को देनी होगी सूचना। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की परीक्षा को ऑफलाइन किया जा रहा है। इसमें विद्यार्थियों को सुविधा दी गई है कि यदि उनके बुखार या कोरोनावायरस से लक्षण हैं तो उन्हें बाद में परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा। इसके लिए विद्यार्थियों को सिर्फ परीक्षा से पूर्व संबंधित कॉलेज के प्राचार्य को लिखित सूचना और बाद में जांच रिपोर्ट पेश करनी होगी। इसी आधार पर विश्वविद्यालय प्रशासन उन्हें परीक्षा में शामिल करने का मौका देगा। विश्वविद्यालय में 5 फरवरी से एलएलबी 7 फरवरी से एमबीए के बाद 9 फरवरी बीएड तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा प्रारंभ कर रहा है। इसमें 10 हजार से ज्यादा से विद्यार्थी शामिल होंगे।
परीक्षा के दौरान कोरोना का असर ना आए इसके लिए जरूरी इलाज किए गए हैं। उपकुलसचिव डॉ. दीपेश मिश्रा ने बताया कि शासन के निर्देश पर जो भी विद्यार्थी कोरोना संक्रमित है उन्हें पूर्व सूचना प्राचार्य को देनी होगी। विद्यार्थी को प्रमाण के तौर पर चिकित्सा और कोरोना की रिपोर्ट भी कॉलेज में देनी होगी इसी के आधार पर विश्वविद्यालय उन्हें बाद में आयोजित होने वाली परीक्षा में शामिल करेंगे।रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की परीक्षाओं की निगरानी का जिम्मा जिले की अग्रणी कॉलेज को दिया गया है। उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश पर इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। कॉलेज की तरफ से उड़नदस्ता का गठन किया जाएगा जो परीक्षा केंद्र में पहुंचकर औचक जांच करेगा।
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परीक्षा की निगरानी का जिम्मेदारी अग्रहरि कॉलेज को-
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की परीक्षाओं की निगरानी का जिम्मा जिले की अग्रणी कॉलेज को दिया गया है। जिले में परीक्षा के लिए महाकौशल्या एवं वाणिज्य महाविद्यालय को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। इसी तरह संभाग के जिलों के लिए लीड कॉलेज को अधिकृत किया गया है लीड कॉलेज प्राचार्य अपने स्तर पर उड़नदस्ते का गठन करेंगे। कॉलेज की तरफ से उड़ानदस्ते की तरफ से हर दिन निरीक्षण की जांच रिपोर्ट प्रशासन को देगा। ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय में 5 फरवरी से विधि की परीक्षा प्रारंभ हो रही है। इसमें यह उड़ानदस्ता निगरानी करेगा। इसके अलावा आने वाले दिनों में होने वाली स्नातकोत्तर और स्नातक की परीक्षाओं में जिले का उड़ानदस्ता प्रभावी रूप से कार्य करेगा।
संभागीय क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशन में उड़ानदस्ता कार्य करेगा। इधर कई कॉलेजों में उड़ानदस्ते के लिए जरूरी सुविधा मुहैया करवाने को लेकर संशय बना हुआ है। दरअसल विश्वविद्यालय द्वारा उड़नदस्ते के लिए वाहन और मानदेय तय किया जाता है लेकिन अग्रहरि कॉलेजों की ओर से उड़नदस्ते को यह लाभ नहीं मिलता है
तीन गुना सेंटर बढ़ाए-
उपकुलसचिव दीपेश मिश्रा ने कहा कि अभी स्नातकोत्तर की परीक्षा में कम विद्यार्थी हैं जिसके लिए पहले तीन से चार परीक्षा केंद्र ही तय होते थे। इस बार अकेले जबलपुर में 12 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं ताकि परीक्षार्थियों में शारीरिक दूरी बेहतर तरीके से कायम रखी जा सके। उन्होंने कहा कि आगामी परीक्षा में भी शारीरिक दूरी के साथ परीक्षा कार्यक्रम का संचालन किया जाएगा।
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