MP Board Ardhvarsik Pariksha 2022 News – 15 दिन बाद छमाही परीक्षाएं, विभाग तबादलों में व्यस्त

MP Board Ardhvarsik Pariksha 2022 News
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MP Board Ardhvarsik Pariksha 2022 News : 15 दिन बाद छमाही परीक्षाएं, विभाग तबादलों में व्यस्त – भोपाल। एमपी बोर्ड के स्कूलों में अगले महीने से परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग और शिक्षकों के तबादलों में व्यस्त है। इससे स्कूलों में पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है। अगले महीने से एमपी बोर्ड की छमाही परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। तीन महीने बाद 1 मार्च से 10वीं- 12वीं की बोर्ड परीक्षा के साथ 9वीं 11वीं की वार्षिक परीक्षा शुरू हो जाएंगी। गुरुवार को आयुक्त लोक शिक्षण ने ट्रांसफर को लेकर फिर निर्देश दिए हैं। इसमें कहा गया है कि जिन पदों को स्थानांतरण के बाद नियमित शिक्षकों से भरा है, उसके विरुद्ध आमंत्रित अतिथि शिक्षकों को तत्काल कार्यमुक्त किया जाएगा।

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पांच माह प्रशिक्षण में शिक्षकों की पढाई अब विभाग को बच्चों की चिंता सताई, शिक्षकों ने कहा है कि विभाग ने जुलाई से अभी तक पढ़ाई छोड़ सभी कामों पर बात की वार्षिक परीक्षा में मात्र तीन माह का समय शेष, ग्रामीण शालाओं में शिक्षकों की भारी कमी

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भोपाल (आरएनएन)। वार्षिक परीक्षा में तीन माह का समय शेष रहने के कारण विभाग को बच्चों का कोर्स कंप्लीट करने की चिंता सताई है। इधर शिक्षकों का कहना है कि जुलाई से अभी तक विभाग ने बच्चों की कोई फिक्र नहीं की अध्यापन को दरकिनार कर गुणवत्ता के नाम पर सिर्फ प्रशिक्षण के नाम पर शिक्षकों को पढ़ाया जाता रहा है। शिक्षकों का कहना है कि जुलाई से अभी तक विभाग ने एक भी सघन निरीक्षण स्कूलों में नहीं करवाया है। सिर्फ शिक्षकों के प्रशिक्षण पर जोर रहा है। जबकि कक्षाओं में अफसरों को देखना था कि बच्चों का कक्षाओं में शैक्षणिक स्तर क्या है।

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सिर्फ बच्चों की पढ़ाई पर नहीं हुई कोई बात मुकेश प्राचार्य व्याख्याता संघ के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश कहते है कि प्रायमरी और मिडिल के अलावा घर की एवं स्कूल में देखें तो शिक्षकों को तकरीबन 70 प्रशिक्षण दिए गए हैं। अब इन सात में शिक्षक पढ़ाई कैसे करवाए। दूरस्थ जिलों से राजधानी में बुलाकर प्रशिक्षण कराया जाता है। एक ट्रेनिंग पूरी नहीं होती

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दूसरे के लिए बुला लिया जाता है। अगर कोई टीचर प्रशिक्षण लेने नहीं आता है तो उस पर भी कार्रवाई का डंडा घूमता है। शर्मा कहते हैं कि विभाग ने जुलाई से अभी तक हर काम को पूरा करने के निर्देश दिए हैं। लेकिन पढ़ाई कराने पर अभी तक कोई सख्ती नहीं बढ़ती गई है। शर्मा कहते हैं कि तीन महीने में बच्चों का कोर्स कैसे कंप्लीट हो यह चिंता का विषय है।

धरातल पर हकीकत देखना जरूरी: नरेन्द्र

समग्र शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री नरेन्द्र दुबे कहते हैं कि विभाग आंकड़ों के आधार पर जरूर पढ़ाई की दावे करे लेकिन हकीकत कुछ और है। स्कूलों में कैलेंडर के अनुसार बच्चों को नहीं पढ़ाया गया है। अधिकारियों को दूरस्थ ग्रामीण अंचलों के स्कूलों में पहुंच कर देखना होगा। जहां सालों से शिक्षक विहीन शालाओं के बच्चों के साथ न्याय नहीं कर पा रहा है। जबकि शहरों में जमे अतिशेष शिक्षक विभाग के लिए चुनौती बनने के बाद भी बेरोकटोक जमे हुए हैं। इसमें इन शिक्षकों का कोई दोष नहीं है। के अधिकारियों की लापरवाही है।

जमीन पर उतरकर हालात देखें अफसर :- राकेश

शासकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश दुबे कहते हैं कि शिक्षा विभाग मात्र कागजों में पढ़ाई करवा रहा है। जबकि स्कूलों में पहुंचकर वास्तविक स्थिति को देखना चाहिए। हर जिले में खासकर गांव के स्कूल शिक्षकों से खाली पड़े। जब स्कूलों में शिक्षक ही नहीं है तो आखिर बच्चे अभी तक विषय की पढ़ाई कैसे पढ़ते रहे। राकेश कहते हैं कि विभाग ने पूरे | पांच माह बच्चों के साथ नैसर्गिक न्याय नहीं किया है। सिर्फ सब्जेक्ट ट्रेनिंग में शिक्षकों को पढ़ाया जाता रहा है।

सभी की जवाबदेही तय होना जरूरी :- राजीव

मप्र शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव राजीव शर्मा कहते हैं कि जब रिजल्ट बिगड़ता है तो सिर्फ शिक्षक पर कार्यवाही की जाती है, जबकि इस मामले में अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को अगर कक्षाओं से दूर रखा गया तो इसमें उनकी कोई गलती नहीं है। इसके | लिए अधिकारियों द्वारा बनाई जा रही नीतियां जिम्मेदार हैं।

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Tauseef was born in Deharadoon, Uttarakhand. He began writing in 2021, and has contributed to the educational and finance content. He lives in Nainitaal.