MP Board 10th Hindi Varshik Paper 2024 : देख लो ऐसा आया है पेपर, घर बैठे खुद करें Analyse

MP Board 10th Hindi Varshik Paper 2024 : दोस्तों माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल के द्वारा जारी किए गए टाइम टेबल के अनुसार 5 फरवरी से कक्षा 10वीं का पेपर आयोजित किया जाएगा l जिसमें लाखों विद्यार्थी शामिल होंगे l परीक्षा का समय 3 घंटे के लिए होगा और परीक्षा देने के बाद सभी विद्यार्थी घर में वापस आएंगे और फ्री होकर की चेक करेंगे कि उन्हें कितने मार्क्स MP Board 10th Hindi Varshik Paper 2024 में मिल सकते हैं, तो अगर आप भी 5 फरवरी 2024 को MP Board 10th Hindi Varshik Paper 2024 देने जा रहे हैं तो इस आर्टिकल को आखिर तक पढ़े l

MP Board 10th Hindi Varshik Paper 2024

आज की पोस्ट में हम आपको MP Board 10th Hindi Varshik Paper 2024 के बारे में समस्त जानकारी देंगे l वैसे तो हर साल मध्य में शिक्षा मंडल भोपाल बोर्ड परीक्षा चाहे भी कक्षा दसवीं हो या 12वीं मार्च के महीने में आयोजित करता है लेकिन इस बार जारी कैलेंडर के अनुसार मध्य प्रदेश बोर्ड परीक्षा फरवरी के माह में ही आयोजित की जा रही है l परीक्षा फरवरी में होने के कारण काफी विद्यार्थी टेंशन में है कि वह आखिर इतने कम समय में रिवीजन और प्रैक्टिस करें कैसे करें, हालांकि जैसे ही MP Board 10th Hindi Varshik Paper 2024 पूर्ण होती है तो हम आपको खुद ही MP Board 10th Hindi Varshik Paper 2024 provide करेंगे जिसके लिए आपको इस पोस्ट को अंत तक पढ़ना होगा l

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MP Board 10th Hindi Varshik Paper 2024 overview

TitleMP Board 10th Hindi Varshik Paper 2024
OrganizationMadhya Pradesh Board of Secondary Education, Bhopal
BoardMP Board
Class10th
SubjectHindi
Session2023-24
Exam ModeOffline
Exam Date5 February 2024
PaperMP Board 10th Hindi Varshik Paper 2024
Official websitempbse.nic.in

MP Board 10th Hindi Varshik Paper 2024 analyse kaise kare

दोस्तों परीक्षा देने के बाद जब विद्यार्थी घर आता है तो सुकून के साथ बैठने के बाद वह अपने पेपर को अपने स्टडी मैटेरियल के साथ मिलाता है कि उसने पेपर में कितनी गलतियां की है और कितने क्वेश्चन को सही तरीके से सॉल्व किया है, तो अगर आप भी ऐसा ही करते हैं तो आपको मालूम होना चाहिए कि सही तरीके से MP Board 10th Hindi Varshik Paper 2024 analyse kaise kare … आइये इसके बारे में विस्तार से जाने :

  1. घर आते ही सबसे पहले आप खाना पीना खाकर फ्री हो जाए
  2. उसके बाद अपने पेपर को अच्छी तरह से एक बार पढ़ें
  3. जितने भी क्वेश्चन को अपने सॉल्व किया है उन सभी को चेक करें
  4. शुरुआत में वस्तुनिष्ट प्रश्न से करें
  5. प्रत्येक प्रश्न के सामने आप नंबर काउंटिंग करते जाए
  6. यदि आपने पांच नंबर वाले प्रश्न को अच्छी तरीके से सॉल्व किया है तो उसके आप 3.5 अंक जोड़े
  7. अब टोटल करें
  8. जितने भी प्राप्तांक आए आप समझ जाएगा कि उसके ऊपर ही आपको बोर्ड परीक्षा में अंक प्राप्त किए जाएंगे

MP Board 10th Hindi Varshik Paper 2024 कहां मिलेगा

दोस्तों 5 फरवरी को आयोजित MP Board 10th Hindi Varshik Paper 2024 आपको इसी वेबसाइट के इसी पोस्ट पर मिलेगा l जो कि आगे वाले विद्यार्थियों के लिए काफी आसानी का सबक होगा l साथ ही 5 फरवरी के बाद जो अगला पेपर होगा वह किस प्रकार का होगा इस बात का भी अंदाजा MP Board 10th Hindi Varshik Paper 2024 आपसे लगाया जा सकता है l

MP Board 10th Hindi Varshik Paper 2024 Download PDF

दोस्तों MP Board 10th Hindi Varshik Paper 2024 Download PDF करने के लिए नीचे हमने लिंक दिया है जिस पर क्लिक करके आप डायरेक्ट MP Board 10th Hindi Varshik Paper 2024 का पीडीएफ प्राप्त कर सकते हैं l आप इस पेपर के बुनियाद पर अगले होने वाले पेपर के पैटर्न का अंदाजा लगा सकते हैं और उसी के अनुसार अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं l आपको बता दें कि प्रश्न पत्र हिंदी एवं इंग्लिश दोनों ही भाषा में छपा होता है इसके लिए आपको अलग से कुछ करने की आवश्यकता नहीं है l

1. गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या व्यंग्य निहित है ?

उत्तर:- गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में यह व्यंग्य निहित है कि उद्धव वास्तव में भाग्यवान न होकर अति भाग्यहीन हैं। वे श्री कृष्ण के सानिध्य में रहते हुए भी उन के प्रेम से सर्वथा मुक्त रहे। श्री कृष्ण के प्रति कैसे उनके हृदय में अनुराग उत्पन्न नहीं हुआ? अर्थात् श्री कृष्ण के साथ कोई व्यक्ति एक क्षण भी व्यतीत कर ले तो वह कृष्णमय हो जाता है। वे प्रेम की सुखद अनुभूति से पूर्णतया अपरिचित हैं।

2. उद्धव के व्यवहार की तुलना किस-किस से की गई है ?

उत्तर:- गोपियों ने उद्धव के व्यवहार की तुलना निम्नलिखित उदाहरणों से की हैं

1) गोपियों ने उद्धव के व्यवहार की तुलना कमल के पत्ते से की हैं जो नदी के जल में रहते हुए भी जल की ऊपरी सतह पर ही रहता है। अर्थात् जल में रहते हुए भी जल का प्रभाव उस पर नहीं पड़ता। उसी प्रकार श्रीकृष्ण का सानिध्य पाकर भी उनका प्रभाव उद्धव पर नहीं पड़ा।

2) उद्धव जल के मध्य रखे तेल के गागर (मटके) की भाँति है, जिस पर जल की एक बूँद भी टिक नहीं पाती। इसलिए उद्धव श्रीकृष्ण के समीप रहते हुए भी उनके रूप के आकर्षण तथा प्रेम-बंधन से सर्वथा मुक्त हैं।

3) उद्धव ने गोपियों को जो योग का उपदेश दिया था, उसके बारे में उनका यह कहना है कि यह योग कड़वी ककड़ी के समान प्रतीत होता है। इसे निगला नहीं जा सकता। यह अत्यंत अरूचिकर है।

3. गोपियों ने किन-किन उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलाहने दिए हैं?

उत्तर:- गोपियों ने कमल के पत्ते, तेल की मटकी और प्रेम की नदी आदि उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलाहने दिए है। प्रेम रुपी नदी में पाँव डूबाकर भी उद्धव प्रभाव रहित हैं। श्री कृष्ण के सानिध्य में रहते हुए भी वे श्री कृष्ण के प्रेम से सर्वथा मुक्त रहे।

4. साहस और शक्ति के साथ विनम्रता हो तो बेहतर है। इस कथन पर अपने विचार लिखिए।

उत्तर:- साहस और शक्ति के साथ अगर विनम्रता न हो तो व्यक्ति अभिमानी एवं उद्दंड बन जाता है। साहस और शक्ति ये दो गुण व्यक्ति (वीर) को श्रेष्ठ बनाते हैं परन्तु यदि विनम्रता इन गुणों के साथ आकर मिल जाती है तो वह उस व्यक्ति को श्रेष्ठतम वीर की श्रेणी में ला देती है। विनम्रता व्यक्ति में सदाचार व मधुरता भर देती है। विनम्र व्यक्ति किसी भी स्थिति को सरलता पूर्वक संभाल सकता है। परशुराम जी साहस व शक्ति का संगम है। राम विनम्रता, साहस व शक्ति का संगम है। राम की विनम्रता के आगे परशुराम जी के अहंकार को भी नतमस्तक होना पड़ा।

5. भाव स्पष्ट कीजिए-

1-बिहसि लखनु बोले मृदु बानी। अहो मुनीसु महाभट मानी | |

पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारू। चहत उड़ावन फूँकि पहारू ||

उत्तर:- प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस से ली गई हैं। उक्त पंक्तियों में लक्ष्मण जी ने परशुराम जी के द्वारा बोले गए अपशब्दों का प्रत्युत्तर दिया है।

भाव – लक्ष्मणजी ने हँसते हुए कोमल वाणी से परशुराम पर व्यंग्य करते हुए उहा, मुनीश्वर अपने को बड़ा भारी योद्धा समझते हैऔर मुझे बार-बार अपना फरसा दिखाकर डरा रहे हैं। जिस तरह एक फूँक से पहाड़ नहीं उड़ सकता उसी प्रकार मुझे बालक समझने की भूल मत कीजिए कि मैं आपके इस फरसे को देखकर डर जाऊँगा। 2-इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं। जे तरजनी देखि मरि जाहीं । ।

देखि कुठारु सरासन बाना। मैं कछु कहा सहित अभिमाना । |

उत्तर:- प्रसग – प्रस्तुत पक्तियाँ तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस से ली गई हैं। उक्त पंक्तियों में लक्ष्मण जी ने परशुराम जी के द्वारा बोले गए अपशब्दों का प्रत्युत्तर दिया है।

भाव – भाव यह है कि लक्ष्मण जी अपनी वीरता का अभिनानपूर्वक परिचय देते हुए कहते हैं कि हम कोई छुई मुई के फूल नहीं है जो तुम्हारी तर्जनी देखकर मुरझा जाएँ। हम बालक अवश्य है परन्तु फरसे और धनुष बाण हमने भी बहुत देखे है इसलिए हमें नादान बालक समझने की भूल न करें।

6. वर्णिक और मात्रिक छन्द में कोई दो अन्तरबताइए।

7. हिन्दी गद्य की प्रमुख एवं गौण विधाओं केके नेम

8. नाटक एवं एकांकी में अन्तर लिखिए।

9. श्रव्य काव्य एवं दृश्य काणा में अन्तरबताइये।

10. स्वयं प्रकाश थवा रामवृक्ष बेनीपुरी की कोई दो रचनाएँ लिखते हुए उनकी साहित्यिक विशेषताएँलिखिए।

11. ‘तुलसीदास अथवा मंगलेश डबराल’ दो रचनाएँ लिखते हुए उनकीकाव्यगत

12. जयशंकर प्रसाद अथवा नागार्जुन की प्रमुख दो रचनाएँ लिखते हुए उनकी काव्यगत विशेषताएँलिखिए।

13. महाकाव्य किसे कहते हैं? महाकाव्य का नाम तथा उसके रचयिता का नाम दीजिए

14. प्रगतिवादी काव्य की कोई दो विशेषताएँ

15. भक्तिकाल के दो कवियों के नाम उनकी रचना सहित लिखिए।

16. नई कविता से क्या आशयहै?

17. छायावादी चतुष्ठक कवियों के नाम, उनकी रचना सहितलिखिए

18. छायावाद किसे कहते हैं? इसकी दो विशेषताएँलिखिए।

19. भक्तिकालीन काव्य की कोई दो विशेषताएँ लिखिए। 20. रीतिकाल को श्रृंगार काल क्यों कहा जाताहै?

21. अन्योक्ति अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।

22. प्रयोगवादी काव्य किसे कहतेहैं?

23. नई कविता के प्रमुख चार कवियों के नाम उनकी रचनाओंको लिखिए ।

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