एमपी बोर्ड ने छात्रों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए गणित में बेसिक और स्टैंडर्ड मैथ्स पढ़ने का विकल्प देने का फैसला किया है। इसका उद्देश्य उन विद्यार्थियों की मदद करना है जो गणित में कठिनाई का सामना करते हैं और अक्सर फेल हो जाते हैं। यह विकल्प सत्र 2024-25 में कक्षा 9वीं और सत्र 2025-26 में कक्षा 10वीं के विद्यार्थियों के लिए लागू होगा।
हम इस लेख में एमपी बोर्ड के हाल के फैसले पर चर्चा करेंगे और बेसिक और स्टैंडर्ड मैथ्स के विकल्प से छात्रों के शैक्षणिक जीवन को सुविधाजनक और सफल बना सकते हैं।
बेसिक और स्टैंडर्ड मैथ्स
मध्य प्रदेश बोर्ड ने सत्र 2024-25 से कक्षा नवी और सत्र 2025-26 से कक्षा दसवीं में छात्रों को बेसिक और स्टैंडर्ड मैथ्स का विकल्प देने का निर्णय लिया है। यह कदम उन छात्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकता है जो गणित में कमजोर होते हैं और अन्य विषयों में अपनी रुचि दिखाते हैं। इस निर्णय का उद्देश्य छात्रों के शैक्षणिक जीवन को आसान बनाना और उन्हें अनावश्यक तनाव से मुक्त करना है।
गणित हमेशा से ही छात्रों के लिए एक चुनौतीपूर्ण विषय रहा है। देखने में आया है कि गणित में सबसे ज्यादा विद्यार्थी फेल होते हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे कठिन प्रश्न, सही मार्गदर्शन की कमी, या समझने में कठिनाई। गणित की इस चुनौती को देखते हुए, एमपी बोर्ड ने यह निर्णय लिया है कि छात्रों को बेसिक और स्टैंडर्ड मैथ्स का विकल्प दिया जाए, ताकि वे अपनी रुचि और क्षमता के अनुसार विषय का चयन कर सकें।
बेसिक और स्टैंडर्ड मैथ्स का विकल्प
बेसिक मैथ्स
बेसिक मैथ्स उन छात्रों के लिए है जो गणित को बुनियादी स्तर पर पढ़ना चाहते हैं और उच्च शिक्षा में गणित को शामिल नहीं करना चाहते हैं। ताकि छात्रों को कम कठिनाई का सामना करना पड़े, बेसिक मैथ्स का पाठ्यक्रम सरल और समझने में आसान होगा। बेसिक मैथ्स में पढ़ने वाले छात्रों को गणित के गहरे सिद्धांतों की बजाय व्यावहारिक और दैनिक जीवन में उपयोगी गणित की जानकारी मिलेगी।
स्टैंडर्ड मैथ्स
स्टैंडर्ड मैथ्स उन छात्रों के लिए है जो गणित में दिलचस्पी रखते हैं और इसे अपने उच्च शिक्षा या करियर में लाना चाहते हैं। स्टैंडर्ड मैथ्स का पाठ्यक्रम अधिक विस्तृत और गहन होगा, जिससे छात्रों को गणित के सिद्धांतों और उनकी जटिलताओं को समझने का अवसर मिलेगा। स्टैंडर्ड मैथ्स लेने वाले छात्रों को उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी लाभ होगा।
बेसिक और स्टैंडर्ड मैथ्स विकल्प के लाभ
- एमपी बोर्ड के सचिव केडी त्रिपाठी ने बताया कि बेसिक और स्टैंडर्ड मैथ्स का चुनाव छात्र हित में किया गया है।
- यह निर्णय उन छात्रों के लिए फायदेमंद है जो आगे गणित नहीं पढ़ना चाहते।
- नौवीं और दसवीं में बेसिक गणित के साथ पढ़ाई पूरी की जा सकेगी।
- इससे छात्र फेल होने से बच सकेंगे।
- गणित के कठिनाई स्तर को देखते हुए, यह निर्णय शैक्षणिक तनाव को कम करेगा।
- बेसिक मैथ्स चुनने वाले छात्र कठिन प्रश्नों और जटिल समस्याओं से मुक्त हो जाएंगे।
- इससे छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे अन्य विषयों पर अधिक ध्यान दे सकेंगे।
- एमपी बोर्ड का यह कदम शिक्षा में एक महत्वपूर्ण नवाचार है।
- इससे छात्रों को करियर के लिए बेहतर निर्णय लेने का अवसर मिलेगा।
- शिक्षा प्रणाली को अधिक छात्र-मित्रवत और लचीला बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल है।
एमपी बोर्ड गणित परीक्षा जानकारी
9वीं कक्षा में लागू
9वीं कक्षा में मूल और सामान्य मैथ्स का विकल्प सत्र 2024-25 से लागू होगा। यदि कोई छात्र 9वीं कक्षा में प्राइमरी मैथ्स का चुनाव करता है और बाद में उसे लगता है कि उसे स्टेंडर्ड मैथ्स की पढ़ाई करनी चाहिए, तो वह 10वीं कक्षा में स्टेंडर्ड मैथ्स की सप्लीमेंट्री परीक्षा दे सकता है। इस प्रकार छात्र को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का भी अवसर मिलेगा।
10वीं कक्षा में लागू
10वीं कक्षा में मूल और सामान्य मैथ्स का विकल्प सत्र 2025-26 से लागू होगा। इससे छात्रों को पता चलेगा कि उच्च शिक्षा के लिए किस प्रकार की गणित चुननी चाहिए। यह कदम छात्रों को अपने करियर की बेहतर योजना बनाने में मदद करेगा।
सप्लीमेंट्री एग्जाम
यदि कोई छात्र 9वीं कक्षा में प्राइमरी मैथ्स चुनता है और बाद में उसे स्टेंडर्ड मैथ्स पढ़ना होगा, तो वह 10वीं कक्षा में स्टेंडर्ड मैथ्स की सप्लीमेंट्री परीक्षा देकर आगे स्टैंडर्ड मैथ्स चुन सकता है। इस प्रकार छात्रों को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का भी अवसर मिलेगा।