आज के इस आर्टिकल में हम आपको Mahashivratri Date 2023 के बारे में बताने वाले हैं. महाशिवरात्रि का पावन पर्व सभी शिव भक्तों के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है. महादेव के सभी भक्तों महाशिवरात्रि का बड़ी बेसब्री के साथ इंतजार रहता है. ऐसे में ऐसे बहुत सारे शिवभक्त हैं जो आने वाली शिवरात्रि तिथि के बारे में जानना चाहते हैं. बहुत सारे लोगों का सवाल आता है कि आखिर Mahashivratri 2023 me Kab Hai? इसके बारे में भी हम आपको बताने वाले हैं कि वर्ष 2023 में शिवरात्रि कब आने वाली है. हम आपको यहां पर Maha Shivaratri 2023 date and time के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं अगर आप भी इस बारे में जानकारी जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक ध्यान पूर्वक पढ़ते रहिए ताकि कोई भी महत्वपूर्ण जानकारी आप से ना छूटे.
Mahashivratri Date 2023
आपको बताना चाहेंगे कि हर साल महाशिवरात्रि का पर्व माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाया जाता है. ऐसे में सभी शिव भक्तों को जानने की इच्छा है कि Mahashivratri 2023 me Kab Hai? हम यहां पर आपको बताएंगे कि आखिर Maha Shivaratri 2023 date and time क्या है इसके साथ ही जानेंगे की शिवरात्रि का मुहूर्त क्या है. हिंदू पंचांग के मुताबिक महाशिवरात्रि का पर्व वर्ष 2023 में 18 फरवरी शनिवार को मनाया जाएगा. माना जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन पर महादेव ने वैराग्य जीवन छोड़कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था. अब आइए आगे जानते हैं कि महाशिवरात्रि को शुभपूजा मुहूर्त कब है. इसके साथ ही शिव शक्ति मिलन की कहानी के बारे में भी चर्चा करेंगे. फिर अंत में हम आपको महाशिवरात्रि पर पूजा विधि के बारे में भी बताने वाले है.
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Maha Shivaratri 2023 date and time
आपको बताना चाहेंगे कि भगवान शिव की पूजा चार पहर में की जाती है लेकिन भक्त चाहे तो अपनी सुविधानुसार पूजा कर सकते हैं. निशिता काल के दौरान यानी कि मध्य रात्रि में महाशिवरात्रि की पूजा करना बहुत ज्यादा शुभ माना जाता है. 18 फरवरी 2023 यानी रविवार मध्यरात्रि में 12 बजकर 15 मिनिट से 01 बजकर 06 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है. इसके साथ ही बहुत सारे लोगों का सवाल आता है कि आखिर महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है. तो आपको बताना चाहेंगे कि महाशिवरात्रि मनाने की पैसे कहीं सारी दंत कथाएं हैं. तो आइए जानते हैं कि आखिर महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है.
Mahashivratri 2023 me Kab Hai
जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं कि वर्ष 2023 में शिवरात्रि 18 फरवरी 2023 को आने वाली हैं. तो यह जानते हैं कि महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है? विभिन्न पौराणिक दंत कथाओं के मुताबिक इस दिन शिव और शक्ति का मिलन हुआ था. इस दिन शिव भक्त शिवजी की शादी का उत्सव मनाते है. मान्यता यह है कि शिवरात्रि के दिन ही शिवजी की शादी शक्ति के साथ हुई थी. कुछ पौराणिक दंत कथाओं के मुताबिक महाशिवरात्रि के दिन शिवजी पहली बार प्रकट हुए थे. शिव का प्राकट्य ज्योतिर्लिंग यानी अग्नि के शिवलिंग के रूप में था. ऐसा शिवलिंग जिसका ना तो कोई आदि था ना ही कोई अंत. मान्यताओं के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने हंस का रूप धारण करके जब शिवलिंग के सबसे ऊपरी हिस्से को खोजना चाहा तो वह इसमें असफल रहे वही जब भगवान विष्णु वराह का अवतार लेकर शिवलिंग का सबसे निचला हिस्सा खोजना चाहे तो वह भी असफल रहे.
12 ज्योतिर्लिंग की पूजा
अद्भुत महादेव की अद्भुत पौराणिक कहानियां भरी हुई है. इस कहानी को जानकर आप दंग रह जाएंगे. पौराणिक हिंदू कथाओं के अनुसार माना जाता है कि महाशिवरात्रि के पर्व पर ही शिवलिंग 64 अलग अलग जगहों पर प्रकट हुए थे. उनमें से हमें केवल 12 जगह का नाम पता है. इन्हें हम 12 ज्योतिर्लिंग के नाम से जानते हैं. इसलिए महाशिवरात्रि के पर्व पर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में लोग दीपस्तंभ लगाते हैं.
Mahashivratri Puja Vidhi
महाशिवरात्रि के दिन आपको भगवान शिव की मूर्ति को या शिवलिंग को पंचामृत एवं अन्य सभी आवश्यक चीजों से स्नान करवाना चाहिए. इस दौरान आप ओम नमः शिवाय का मंत्र जाप कर सकते हैं. इसके बाद रात्रि के चारों पहर शिवजी की पूजा करनी चाहिए तथा अंत में सुबह ब्राह्मणों को दान दक्षिणा करवा कर एवं भोजन करवाकर व्रत का पारण करना चाहिए. शिव पूजा के दौरान आप ओम नमः शिवाय का मंत्र जाप कर सकते हैं.
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