Lohri Celebrations: हर बार की तरह इस बार भी लोहड़ी का त्यौहार 14 जनवरी 2023 के दिन पूरे देश में मनाया जायेगा। वैसे तो भारत में अधिकतर लोगों द्वारा Lohri Festival को मनाया जाता है लेकिन पंजाबी Lohri Celebrations को लेकर ज्यादा उत्साहित रहते हैं। पहले हरियाणा, पंजाब हिमाचल प्रदेश चंडीगढ़ और दिल्ली में ही Lohri Celebrations होता था।
बाद में टीवी सीरियल्स और फेस्टिवल ट्रेंड को देखते हुए दूसरे स्टेट के लोगों ने भी से मनाना शुरू कर दिया और अब भारत के लगभग हर स्टेट में मनाया जाता है। इस दिन लोग नई फसल की पूजा करते हैं और आप जलाकर उसमें गुड, मूंगफली, रेवड़ी, गजक जैसी चीजें डालते हैं। मिलाएं गिद्धा करती हैं और पुरुष भांगड़ा डांस करके Lohri Celebrations करते हैं। इस दिन पंजाबी लोग अपनी पारंपरिक वेशभूषा धारण करके लोक गीत गाते हैं।
Lohri Celebrations
देश में Lohri Celebrations को लोगों के बीच काफी उत्साह देखा जा रहा है। इस साल मई 14 जनवरी 2022 के दिन मनाई जाएगी लोहरी को मुख्य रूप से पंजाबियों द्वारा बनाया जाता है लेकिन इसे अन्य धर्म के लोग भी बड़ी धूमधाम से सेलिब्रेट करते हैं। Lohri Celebrations मुख्य रूप से सूर्य देव और अग्नि को समर्पित है सूर्य और अग्नि की पूजा करते हैं और अग्नि में अपनी नई फसल को समर्पित करते हैं।
लोगों की मान्यता है कि आग में नई फसल को समर्पित करने से यह देवी देवताओं को भोग स्वरूप पहुंच जाता है। इस दिन लोग सूर्य और अग्नि का आभार व्यक्त करने के लिए उन्हें सबसे पहली फसल चढ़ाते हैं, व उनकी पूजा करते हैं। इस त्योहार को मानने के लिए सभी लोग एक जगह इकट्ठे होते हैं और साथ मिलकर नाचते, गाते और खुशियां मनाते हैं।
Lohri Celebrations overview
Topic | Details |
Article | Lohri Celebrations |
Category | Indian Festival |
Place | India |
State | All India States |
Year | 2023 |
Meaning of Lohri Word
लहरी शब्द तीन शब्दों से मिलकर बना है जिसमें का अर्थ लकड़ी से है वह का अर्थ कंडे या अपनों से है वहीं को रेवरी के लिए इस्तेमाल किया गया है। जब भी लहरी बनाते हैं तो आग जलाने के लिए लकड़ी और गोबर से बने कंडो और उपलों का उपयोग किया जाता है। इसमें आग जलाकर लोग इसके आसपास परिक्रमा करते हैं और इसके अंदर रेवड़ी मूंगफली और मक्के की धानी को डालते हैं।
इसके अंदर नई फसल की बालियों को भी समर्पित किया जाता है। आग में डालने वाली सामग्री को तिलचौली कहा जाता है। इस त्योहार को विशेष प्रकार से उस घर में मनाया जाता है, जहां पर नया विवाह हुआ हो या किसी को संतान हुई हो लोग सभी लोग वहीं पर एकत्रित होकर Lohri Celebrations करते हैं।

Reason Behind Lohri Celebrations
लोहड़ी का त्यौहार पूर्ण रूप से प्रकृति को समर्पित है लोग अपनी अच्छी फसल होने के लिए नई फसल का सबसे पहला भोग देवताओं को समर्पित करते हैं। पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि देवताओं को भोग लगाने का एकमात्र माध्यम अग्नि ही है। अग्नि में भोग समर्पित करके देवताओं को चढ़ाया जा सकता है, इसलिए लोग अपनी पहली फसल देवताओं को समर्पित करने के लिए आग जलाकर उसमें नई फसल की आहुति देते हैं। इसके साथ ही जलती हुई आग के चारों ओर परिक्रमा करके लोग उसमें मूंगफली, परवल, रेवरी, मक्का आदि डालते हैं। ओके अनुसार जिस घर में किसी का जन्म या विवाह होता है वहीं पर लहरी मनाई जाती है। Lohri Celebrations के लिए लोग एक ही जगह इक्कठे होते हैं, और वहीं पर लकड़ियों का ढेर लगा कर आग लगाई जाती है।
From When We Starts Celebrate Lohri
लाहौरी मनाने की एक और पारंपरिक वजह है जिसके बारे में लोग बताते हैं। अकबर के शासन काल में दुल्ला भट्टी नामक एक पंजाबी लुटेरा था। समय लड़कियों को बेच दिया जाता था जिसके दुल्ला भट्टी बहुत खिलाफ था। वह लड़कियों को बचाकर उनकी धूमधाम से शादी करवा देता था। जिसके लिए उनका आभार प्रकट करने के लिए लोग आज तक लोहड़ी का त्यौहार मनाते आ रहे हैं। लाहौरी में जब पारंपरिक गीत गाए जाते हैं, तो दुल्ला भट्टी के गीत भी गाए जाते हैं जिसमें लोग गाकर दुल्ला भट्टी का आभार व्यक्त करते हैं।
इस दिन को मनाने के पीछे भगवान शंकर और माता सती की कहानी भी बताई जाती है। जब राजा दक्ष प्रजापति शिव जी का अपमान करते हैं, माता सती स्वयं को अग्नि कुंड में जला लेती हैं। इससे क्रोध में आकर भगवान शिव राजा दक्ष को दंडित करते हैं बाद में प्रजापति दक्ष भगवान शिव से क्षमा मांग उनकी पूजा करने लगते हैं। इस त्योहार पर जब किसी की नई शादी होती है, तो नवविवाहित जोड़े को लोहड़ी के आसपास सात बार परिक्रमा करके उसमें फूल रेवड़ी मूंगफली और मक्के की फली समर्पित करते हैं और सुख समृद्धि की कामना करते हैं।
FAQs related to Lohri Celebrations
इस साल लोहड़ी 2023 कब मनाई जाएगी ?
इस साल लोहड़ी का त्योहार 14 जनवरी 2023 के दिन मनाया जायेगा।
लोहड़ी 2023 मनाने का शुभ मुहूर्त क्या है?
लोहड़ी इस बार 14 जनवरी को रात 8 बजकर 47 मिनट पर मनाई जाएगी।
Join Whatsapp Group | Click Here |
PH Home Page | Click Here |