काॅलेजों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की डिग्री पर अब प्रश्नचिंह लगने का समय आ गया है। क्योंकि उच्च शिक्षा विभाग दो साल से ओपन बुक एग्जाम ले रहा है। वर्तमान में ऑफलाइन एग्जाम कराने की तैयारी चल रही है। विभाग अप्रैल में ऑफलाइन एग्जाम कराता है, तो 2019-20 सत्र में प्रवेश लेने वाले सभी विद्यार्थी ओपन बुक एग्जाम से परीक्षाएं देकर डिग्री लेकर बाहर हो जाएंगे। उच्च शिक्षा विभाग दो साल से ओपन बुक एग्जाम करा रहा है। सत्र 2019-20 में यूजी के प्रथम वर्ष में प्रवेश लेन वाले तीन लाख 75 हजार विद्यार्थी विवि और काॅलेज की परीक्षाओं की गंभीरता को समझ नहीं सकेंगे, क्योंकि उन्हें दो साल से विभाग घर पर बैठाकर ऑनलाइन कक्षाएं कराने के बाद घर बैठे ही ओपन बुक से परीक्षा कराकर पास कर रहा है।
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ऑफलाइन परीक्षाएं नहीं, तो पौने चार लाख छात्रों को घर बैठे यूजी की डिग्री
यदि कोरोना की स्थिति नियंत्रण में नहीं रहती है और विभाग यूजी की परीक्षाओं को ओपन बुक सिस्टम से कराने का आदेश जारी कर देता है, तो डिग्री लेने वाले विद्यार्थी विवि काॅलेज की पीक्षाओं के सिस्टम से कभी परिचित ही नहीं हो पाएंगे। उन्हें घर बैठ-बैठे ही यूजी की डिग्री मिल जाएगी। इससे उनकी डिग्री पर प्रश्न चिंह लग सकता है। उन्हें मिलने वाली नौकरी के अवसर बेहतर रिजल्ट नहीं दे पाएंगे। इसलिए शासन भी परीक्षाओं को लेकर गंभीर बना हुआ है। इसलिए विभाग ने वर्तमान सत्र में पीजी की परीक्षाएं ऑफलाइन सिस्टम से कराने का निर्णय लिया है।
दस से शुरू होंगी परीक्षाएं
बीयू को पचास फीसदी उपस्थिति के साथ एग्जाम कराना है। बीयू अपने सभी विभागों की परीक्षाएं ऑफलाइन तीन और 15 जनवरी से लेना शुरू करेगा। जबकि काॅलेजों में पीजी के तीसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं दस जनवरी से शुरू होंगी। विद्यार्थियों की संख्या कम और कमरों की संख्या ज्यादा होने के कारण परीक्षा हाल तैयार करने में अधिकारियों को ज्यादा परेशानी नहीं आ रही है। परीक्षा सुबह आठ से 11 बजे तक होगी। जबकि यूटीडी का दोपहर 12 से तीन बजे तक होंगी।

सत्र 2019-20 में पीजी के प्रवेश 89 हजार 470 थे। उक्त विद्यार्थी नवंबर- दिसंबर में ऑफलाइन एग्जाम दे चुके थे। इसके बाद मार्च में कोरोना काल शुरू किया। इसके बाद वे ओपन बुक एग्जाम देने के बाद डिग्री लेकर बाहर हो गए हैं। गत वर्ष 2020-21 में एक लाख तीस हजार ने पीजी में प्रवेश लिए हैं। उनहोंने गत वर्ष ओपन बुक एग्जाम दिया है। उन्हें परीक्षा का अनुभव दिलाने विभाग पचास फीसदी उपस्थिति के साथ ऑफलाइन एग्जाम करा रहा है।
एमबीबीएस और बीटेक में अभी भी समय शेष
इंजीनियरिंग की परीक्षाएं ऑनलाइन सिस्टम से कराने का निर्णय कर दिया गया है, क्योंकि इंजीनियरिंग और मेडिकल की डिग्री चार-चार साल में पूरी होती है। इसलिए विद्यार्थियों के पास एक साल का और समय शेष रहेगा। इसके बाद भी शासन को प्रोफेशनल कोर्स की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विशेष इंतजाम करना होंगे। मेडिकल की परीक्षाओं को लेकर शासन कोई जोखिम लेना नहीं चाहता है।
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ओपन बुक में भी नहीं लिख पाए विद्यार्थी
2019-20 में प्रवेशिरत तीन लाख 75 हजार विद्यार्थी पिछले दो साल से प्रदेश के आठ विवि की ओपन बुक एग्जाम में शामिल हो रहे हैं। इसमें भी वे फेल हो गए हैं। उनके लिए विशेष परीक्षाएं कराकर पास कर दिया गया। ऐसे विद्यार्थी अपनी किताबों से भी सही जवाब नहीं लिख सके। वे अपने परिचितों से सवालों के जवाब लिखते रहे हैं। अब उनकी ऑफलाइन एग्जाम उनकी डिग्री और उनके भविष्य पर सवालिया निशान लगाएगी।
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