मूल्यांकन कार्य में लापरवाही 121 शिक्षकों ने नहीं दी आमद

Evaluation MP Board copy check 2022
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बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य चल रहा है। इस कार्य में अभी तक 121 शिक्षकों की लापरवाही सामने आई है। इन शिक्षकों ने मूल्यांकन कार्य के लिए अभी तक आमद नहीं दी है। गौरतलब है कि माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी की ढाई लाख कॉपियां मूल्यांकन के लिए रीवा भेजी हैं। जानकारी के अनुसार हाईस्कूल के गणित विषय के मूल्यांकन के लिए अभी तक 16 वैल्युअर नहीं पहुंचे हैं, जबकि हिन्दी के 14 वैल्युअर अभी तक अनुपस्थित हैं। हायर सेकेण्डरी के कामर्स की कॉपियां जांचने के लिए 22 वैल्युअर नहीं पहुंचे हैं। हाईस्कूल के सामाजिक विज्ञान विषय के 42 मूल्यांकनकर्ताओं ने अभी तक उपस्थिति दर्ज नहीं कराई है।

कक्षा 12वीं के हिन्दी विषय के 18 और अंग्रेजी के 9 वैल्युअर नहीं पहुंचे हैं। इन सभी पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। गौरतलब है कि एक दिन पूर्व कलेक्टर द्वारा मूल्यांकन कार्य का औचक निरीक्षण भी कराया गया। उन मूल्यांकनकर्ताओं की सूची सौंप दी गई है जो अभी तक मूल्यांकन के लिए नहीं पहुंचे हैं। शुक्रवार को हाईस्कूल के 159 मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा 3819 कॉपियां जांची गई जबकि हायर सेकेण्डरी के मूल्यांकन कार्य में जुटे 217 शिक्षकों ने 5920 कॉपियां जांची। बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का पहला चरण 5 मार्च से चल रहा है। जिसमें 28 फरवरी तक के पेपर की कॉपियों का मूल्यांकन किया जा रहा है।

बोर्ड परीक्षा की कापियों का मूल्यांकन शनिवार से मूल्यांकन केंद्र पद्मा विद्यालय में शुरू कराया गया। इस कार्य में 621 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन उनमें से 279 शिक्षक मूल्यांकन के लिए पहुंचे ही नहीं। अब इन शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। पहले दिन 10वीं कक्षा की कापियों के मूल्यांकन के लिए 321 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन इनमें से सिर्फ 201 ही उपस्थित हुए। इसी प्रकार 12वीं कक्षा की कापियों के लिए 300 शिक्षकों में सिर्फ 141 ही ड्यूटी पर पहुंचे। इसके चलते मूल्यांकन कार्य धीमा रहा और सिर्फ 2191 कापियां ही चेक हो पाईं, जबकि 20 दिनों में डेढ़ लाख कापियों का मूल्यांकन किया जाना है। 20 दिनों में डेढ़ लाख कापियों का मूल्यांकन किया जाना है।

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उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में रुचि नहीं ले रहे शिक्षक:-

माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा का परिणाम समय पर जारी करने के लिए उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन भले ही समय पर शुरू कर दिया गया है, लेकिन शिक्षकों की अरुचि के चलते मूल्यांकन कार्य में तेजी नहीं आ पा रही है। लगातार दूसरे दिन एक तिहाई से भी कम शिक्षक मूल्यांकन के लिए उपस्थित हुए। वस्तुस्थिति को देखते हुए मूल्यांकन अधिकारी की चिंता बढ़ गई है। मंडल मुख्यालय की ओर से जारी आदेश के मुताबिक पूर्व की तरह उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय बैढऩ को मूल्यांकन केंद्र बनाया गया है।

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विद्यालय के प्राचार्या जेके थापर को मूल्यांकन अधिकारी नियुक्त किया गया है। मूल्यांकन कार्य के लिए सभी विषयों को मिलाकर 303 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन मूल्यांकन के लिए दोनों दिन उपस्थित होने वाले शिक्षकों की संख्या एक तिहाई से भी कम रही है। पहले दिन 5 मार्च को 75 और दूसरे दिन 6 मार्च को 87 शिक्षक मूल्यांकन कार्य के लिए उपस्थित हुए। शिक्षकों की उदासीनता का यह आलम तब है, जबकि मूल्यांकन कार्य को अत्यावश्यक सेवा में रखा गया है।

दूसरे दिन जांचीं 9219 कापियां, इतने शिक्षक रहे नदारद:-

माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा की कापियों के मूल्यांकन कार्य ने दूसरे दिन गति पकड़ ली। शनिवार को शुरू हुए मूल्यांकन कार्य के पहले दिन 2191 कापियां जांची गई थीं। रविवार को 9219 कापियां चेक की गईं। दो दिन में कुल 11410 कापियों का मूल्यांकन किया जा चुका है, जिनमें 10वीं कक्षा की 6592 और 12वीं कक्षा की 4818 कापियां हैं। रविवार को 10वीं कक्षा की कापियां जांचने के लिए 321 शिक्षकों को दायित्व दिया गया था, लेकिन इनमें से सिर्फ 208 शिक्षक ही उपस्थित हुए। 113 शिक्षक इस कार्य के लिए नहीं पहुंचे। इसी प्रकार 12वीं कक्षा के लिए 299 शिक्षकों में से सिर्फ 147 शिक्षक उपस्थित रहे। इनमें से 152 शिक्षक अनुपस्थित रहे। ड्यूटी से नदारद कुल 265 शिक्षकों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया जाएगा। यदि जवाब संतोषजनक नहीं पाया जाता है, तो उनके खिलाफ निलंबन से लेकर वेतनवृद्धि रोकने तक की कार्रवाई हो सकती है।

अनुपस्थित शिक्षकों को जारी की जाएगी नोटिस:-

मूल्यांकन अधिकारी के मुताबिक शिक्षकों की अनुपस्थिति से संबंधित जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को दे दी गई है। उम्मीद है कि शिक्षा अधिकारी की ओर से शिक्षकों को नोटिस जारी कर मूल्यांकन कार्य में शामिल होने के लिए कहा जाएगा। डीइओ की ओर से नोटिस जारी होने के बाद भी शिक्षक उपस्थित नहीं होते हैं, तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। अधिकतम 45 उत्तरपुस्तिकाओं कर सकते हैं। मूल्यांकन मंडल मुख्यालय से जारी निर्देशों के अनुरूप एक शिक्षक से अधिकतम 45 उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराया जा सकता है। यही वजह है कि उपस्थित शिक्षकों से अधिक उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराना संभव नहीं है। इस कारण से शिक्षकों की उपस्थिति कम होने से मूल्यांकन की रफ्तार भी धीमी है। मूल्यांकन की रफ्तार शिक्षकों के उपस्थिति बढऩे पर ही बढ़ेगी।

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