आज के इस आर्टिकल में हम आपको DU Admission 2022 के बारे में बताने वाले हैं. इस आर्टिकल में हम जानने वाले हैं कि यदि सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट में 2 विद्यार्थियों के एक समान अंक आ जाते हैं तो उनका एडमिशन दिल्ली यूनिवर्सिटी में किस प्रकार होगा. delhi university admission 2022-23 के बारे में हम यहां पर संपूर्ण जानकारी बताने वाले हैं. क्योंकि विद्यार्थी यदि सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET UG 2022) पास कर लेते हैं तो भी उनकी पिक्चर उलझ सकती है यानी वे एडमिशन लेने से वंचित रह सकते हैं. यदि आप सोच रहे हैं कि आपने CUET UG 2022 की परीक्षा पास कर ली है. तो आपका एडमिशन दिल्ली यूनिवर्सिटी में फिक्स हो गया है लेकिन ऐसा नहीं होने वाला है. तो आइए यहां पर जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है. यदि आप भी delhi university admission 2022-23 के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक ध्यान पूर्वक पढ़ते रहे ताकि कोई भी महत्वपूर्ण जानकारी आप से ना छूटे.
DU Admission 2022
दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवारों का रास्ता आसान नहीं रहने वाला है. क्योंकि सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET UG 2022) परीक्षा पास कर लेने के बाद भी एडमिशन से वंचित रह सकते हैं क्योंकि यहां भी कंपटीशन खत्म नहीं हो जाता है. समस्या यह है कि यदि 2 विद्यार्थियों के एक समान अंक आ जाते हैं तो उस स्थिति में यूनिवर्सिटी किसको प्राथमिकता देगी. यदि दो या दो से अधिक विद्यार्थियों के एक जैसे नंबर आ जाते हैं तो फिर उस स्थिति में विश्वविद्यालय द्वारा क्या निर्णय लिया जाएगा और किस आधार पर प्राथमिकता दी जाएगी. तो आइए इस बारे में हम संपूर्ण जानकारी विस्तार से जानते हैं कि आखिर उस स्थिति में विश्वविद्यालय के छात्र को एडमिशन देगा. तो आइए जानते हैं कि यदि आपके भी किसी अन्य विद्यार्थी के जैसे सेम नंबर आ जाते हैं तो उसी स्थिति में विश्वविद्यालय का क्या फैसला होगा. इस बारे में जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ें.
delhi university admission 2022-23
दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर योगेश सिंह द्वारा बताया गया है कि यदि दो या दो से अधिक विद्यार्थियों के एक जैसे अंक आ जाते हैं तो उस स्थिति में टाईब्रेकर नियम का सहारा लिया जाएगा. दिल्ली यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर योगेश सिंह ने आगे बताया कि यदि सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) मे कोई दो विद्यार्थी एक ही कॉलेज में एक ही कोर्स के लिए एडमिशन करवाते हैं और उन विद्यार्थियों के CUET परीक्षा में भी समान अंक आ जाते हैं तो उस स्थिति में निर्णय टाईब्रेकर नियम के अनुसार ही लिया जाएगा. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर यह टाईब्रेकर नियम क्या है और इसके आधार पर एडमिशन का फैसला कैसे लिया जाता है. तो चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि हम टाईब्रेकर नियम के बारे में पूरी विस्तार से बताने वाले हैं और आपको इस नियम को बिल्कुल सरल भाषा में समझाने वाले हैं. तो आइए जानते हैं कि आखिर टाईब्रेकर नियम क्या है?
Selection of candidates securing equal marks
आइए जानते हैं कि आखिर यह टाईब्रेकर नियम क्या होता है? और इसके आधार पर दो या दो से अधिक विद्यार्थियों के समान अंक आने पर कैसे उनके एडमिशन का फैसला लिया जाता है. तो बताना चाहेंगे कि टाईब्रेकर नियम के अंतर्गत 2 विद्यार्थियों के अंक समान होने पर उनके 12वीं के अंको को देखा जाता है. यानी कि आपको यहां पर आप के 12वीं के अंक ही कॉलेज में एडमिशन का फैसला करेंगे. इस नियम के अंतर्गत 12वीं के 3 सबसे अच्छे विषयों की तुलना की जाती है. यदि तीन सबसे अच्छी विषयों की तुलना करने के बाद भी अंक समान आ

जाते हैं उस स्थिति में पांच विषयों की तुलना की जाती है. यदि इस स्थिति से भी समाधान नहीं निकलता है यानी यहां पर भी अंक समान आ जाते हैं तो फिर जिस विद्यार्थी की उम्र अधिक होगी उस विद्यार्थी को कॉलेज में एडमिशन के लिए प्राथमिकता दी जाएगी. इस प्रकार से टाईब्रेकर नियम के अंतर्गत एक समान अंक आने वाले विद्यार्थियों का चुनाव किया जाता है.
12वीं के अंकों पर अटक सकती है गाड़ी
सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) के समय से ही यह कहा जा रहा था कि अब 12वीं के अंकों का कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए कोई महत्व नहीं रह गया है. लेकिन जब किसी विद्यार्थी की गाड़ी टाईब्रेकर नियम में सस्ती है तो सबसे पहले वह 12वीं के अंकों को ही याद करता है. इसलिए कहा जा सकता है कि 12वीं के अंको का महत्व कॉलेज एडमिशन के लिए महत्वपूर्ण होता है. अब इसके बाद CUET का रिजल्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी.
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