ओपन बुक एग्जाम की डिग्री से जॉब में होगी मुश्किल
नमस्कार दोस्तों बर्ष 2021-22 में कॉलेज में पढने वाले छात्रों की मुसीबते लगातार बढ़ते जा रही है जहाँ एक और छात्र ऑनलाइन परीक्षा के लिए ज्ञापन धरने दे रही है वही सरकार लगातार ऑफलाइन परीक्षा करवाने के मुड में नजर आ रही दोस्तों आपको बता दे की इस बर्ष covid संक्रमण के कारण क्लासेज नहीं लग पाई जिसके कारण सिलेबस नहीं हो पाया है अब यदि ऐसे में ऑफलाइन परीक्षा होती है तो छात्रों के साथ न इंसाफी होगी वही यदि सरकार की माने तो ऑफलाइन परीक्षा की पूरी तैयारी कर ली है ऑफलाइन परीक्षा को लेकर तरह-तरह के वयान हम शिक्षा मंत्री से सुन चुके है मतलव साफ है की इस बर्ष परीक्षा ऑफलाइन ही होंगे कुछ क्लास के टाइम टेबल भी जारी हो चुके है ऐसी की कुछ अपडेट हम आपको बताने वाले है.
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- MP BOARD REDUCED SYLLABUS 2022 PDF
- MP BOARD TIME TABLE 2022 PDF
- MP BOARD MODEL PAPER 2022
- MP BOARD PRASHN BANK 2022 PDF
अगर जॉब लेना है तो ऑफलाइन एग्जाम में बैठना होगा

उच्च शिक्षा विभाग द्वारा संचालित कॉलेजों में इस बार भी ओपन बुक एग्जाम हुए, तो वर्ष 2019-20ोड। कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले स्टूडेंट्स की डिग्रियों पर प्रश्न चिह्न लग जाएगा। जानकारों का कहना है कि विभाग दो साल से ओपन बुक एग्जाम ले रहा है। इस बार भी ऑफलाइन एग्जाम नहीं होता है, तो विद्यार्थी ओपन बुक एग्जाम से परीक्षा देकर डिग्री लेकर बाहर हो जाएंगे। जॉब प्राप्त करने में ओपन बुक की डिग्री से स्टूडेंट्स को परेशानी आ सकती है। इसको देखते हुए विभाग ने वर्तमान सत्र में स्टूडेंट्स के भविष्य के लिए ऑफलाइन एग्जाम जरूरी है। यूजी-पीजी के ऑफलाइन एग्जाम की पूरी तैयारी है। यदि कोई आपात स्थिति पैदा होती है तो ऑनलाइन या ओपन बुक एग्जाम का ऑप्शन भी है।
अनुपम राजन, प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा विभाग – पीजी की परीक्षाएं ऑफलाइन सिस्टम से कराने का निर्णय लिया है। हालांकि छात्र संगठन ओपन बुक से परीक्षा की मांग कर रहे हैं।
बीएड कॉलेजों को शिक्षक, छात्र, बैलेंस शीट के बारे में बताना होगा
एनसीटीई के आदेश पर विभाग ने दिखाई सख्ती
उच्च शिक्षा विभाग ने बीएड कॉलेजों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। विभाग ने एनसीटीई के आदेश के बाद कॉलेजों से शिक्षक और विद्यार्थियों के विवरण के साथ बैलेंस शीट मांगी है। रिपोर्ट के आधार पर आकस्मिक निरीक्षण किया जाएगा। इसके बाद भी कॉलेजों में गड़बड़ी मिलती है, तो मान्यता समाप्त कर दी जाएगी।
जानकारी के अनुसार, प्रदेश के कई कॉलेजों में फैकल्टी ही नहीं है। मान्यता के लिए एक प्रोफेसर का नाम दो से तीन कॉलेजों में उपयोग किया जाता है। यहां तक कि उनके कॉलेज छोड़ने के बाद भी वे उसी कॉलेज में बने हुए हैं। राजधानी के कॉलेजों में कार्यरत कई प्रोफेसर शहर से लगे कॉलेजों में अपनी ड्यूटी कागजों में कर रहे हैं। सच्चाई उजागर होने के बाद विभाग ने सभी कॉलेजों को अपने हर शिक्षक का पंजीयन कराने के निर्देश दिए हैं। इससे उन्हें शिक्षक का यूनिक नंबर मिल जाएगा। इसके माध्यम से उनकी प्रोफाइल को अपडेट किया जाता रहेगा।
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नौ courses के लिए 885 कॉलेजों को मिली है मान्यता
प्रदेश में बीएड, बीपीएड सहित अन्य 9 कोर्स के 885 कॉलेजों को एनसीटीई से मान्यता प्राप्त है। उच्च शिक्षा विभाग ने इस साल 662 बीएड कॉलेजों की काउंसलिंग कराकर प्रवेश करा लिया है। इस साल बीएड की खाली 53,350 सीटों को भरने के लिए 1 अगस्त से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हुई थी। सीट से अधिक आवेदन आने के बाद विभाग ने बीएड की 5,250 सीटें और बढ़ा दी हैं। ऐसे में इनकी संख्या बढ़कर 58,600 हो गई थी। इनमें 54,600 सीटों पर प्रवेश हुए हैं।
बीएड कॉलेजों की जानकारी एनसीटीई को देनी होती है। कॉलेजों से जानकारी प्राप्त करना रूटीन प्रक्रिया का हिस्सा है। निश्चित ही जिन कॉलेजों में गड़बड़ी मिलेगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती|
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