75% से कम उपस्थिति वालों को नहीं मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ – बड़ी खबर

75% से कम उपस्थिति वालों को नहीं मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ कॉलेजों में उपस्थिति बढ़ाने की कवायद, अब बायोमैट्रिक मशीन से लगेगी हाजिरी

इंदौर –  कॉलेजों में उपस्थिति रजिस्टर जल्द ही बीते दिनों की बात हो जाएगी। उपस्थिति दर्ज करने के लिए अब कॉलेजों में बायोमैट्रिक मशीनें लगाई जा रही हैं। इससे उपस्थिति की निगरानी सुनिश्चित होगी और 75 फीसदी से कम उपस्थिति वाले विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप सहित अन्य सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित किया जाएगा। सरकारी और निजी कॉलेजों में अगले माह से शिक्षकों के साथ विद्यार्थियों की उपस्थिति भी बायोमैट्रिक मशीन से दर्ज होगी।

उच्च शिक्षा विभाग ने सभी कॉलेजों के लिए इसे अनिवार्य किया है। विभाग ने सभी यूनिवर्सिटी को अपने क्षेत्र के कॉलेजों में ये मशीनें लगवाने की जिम्मेदारी सौंपी है। आदेश के अनुसार, 1 अक्टूबर से सभी शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थियों की उपस्थिति बायोमैट्रिक से ही दर्ज होगी। मालूम हो, कोविडकाल के दौरान कॉलेजों की कक्षाएं ऑनलाइन लगी। कोविड से उबरने के बाद नियमित कक्षाओं का दौर शुरू हुआ तो पहले की तुलना में काफी कम उपस्थिति दर्ज हो रही है।

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हर तीन माह में देनी होगी जानकारी

जिन कॉलेजों में 1 अक्टूबर तक बायोमैट्रिक मशीन नहीं लगेगी, उनके खिलाफ यूनिवर्सिटी और अतिरिक्त संचालक कार्रवाई करेंगे। बायोमैट्रिक से दर्ज होने वाली उपस्थिति का रेकॉर्ड कॉलेजों को सुरक्षित रखना होगा। कॉलेज हर तीन माह में यूनिवर्सिटी को यह रेकॉर्ड सौंपेंगे। जिन विद्यार्थियों की उपस्थिति कम रहेगी उन्हें परीक्षा से भी वंचित किया जा सकता है। अतिरिक्त संचालक प्रो. सुरेश सिलावट ने बताया, कई कॉलेजों में मशीनें इंस्टॉल हो चुकी हैं। सभी कॉलेजों में अक्टूबर की पहली तारीख से बायोमैट्रिक उपस्थिति ही दर्ज होगी।

ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि ज्यादातर छात्र कॉलेज में नहीं आते हैं तथा सिर्फ छात्र परीक्षा देने के लिए कॉलेज में आते हैं और ऐसा करने के कारण और छात्रों को कॉलेज में आना अनिवार्य हो जाएगा तथा उन्हें 75 फ़ीसदी अपनी हाजिरी कॉलेज में देनी पड़ेगी जिसका लेखा-जोखा सभी कॉलेजों को रखना पड़ेगा तथा हर 3 महीने के अंदर संबंधित यूनिवर्सिटी को प्रत्येक छात्र का रिकॉर्ड सपना पड़ेगा जिससे छात्रों के अंदर कॉलेज में आने की होड़ मच जाएगी और सभी छात्र अच्छी तरीके से अपनी पढ़ाई करने लगेंगे

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Atul was born in Ahmedabad. He began writing in 2021, and has contributed to the educational and finance content. He lives in Ahmedabad.