सुमित्रानंदन पंत का जीवन परिचय
बोर्ड परीक्षा में एक जीवन परिचय लिखने के लिए अवश्य आता है जो कि पांच नंबर का रहता है जिसको देखते हुए आज के इस पोस्ट में मैं आपके लिए एक महत्वपूर्ण कवि का जीवन परिचय लेकर के आया हूं जो आपके पेपर 2021 के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है तो पेपर देने से पहले एक बार इस जीवन परिचय का रिवीजन करके अवश्य जाना।
जीवन परिचय
सुमित्रानंदन पंत का जन्म 20 मई 1980 को अल्मोड़ा के निकट कौसानी नामक ग्राम में हुआ था। जन्म के 6 घंटे बाद माता-पिता का देहांत हो गया था। प्रारंभिक शिक्षा अल्मोड़ा में हुई, काशी के क्वींस कॉलेज से हाई स्कूल पास किया। पिता का नाम गंगादत्त पंत था। सुमित्रानंदन पंत जी का वास्तविक नाम गुसाई दत्त था। सन 1950 ईस्वी में वे ऑल इंडिया रेडियो के परामर्शदाता के पद पर रहे। 28 दिसंबर 1977 ईस्वी में इनका निधन हो गया।
साहित्यिक परिचय
यह 7 वर्ष की उम्र से रचनाएं लिखने लगे। गिरजे का घंटा नामक रचना इनकी पहली रचना 1916 ईस्वी में आई। इनकी साहित्य की यात्रा के तीन प्रमुख पड़ाव है – पता मैं यह छायावादी लगते हैं दूसरे में समाजवादी आदर्शों से प्रेरित प्रगतिवादी तथा तीसरे में अरविंद दर्शन से प्रभावित अध्यात्म वादी।
इनकी छायावादी कविताएं अत्यंत कोमल एवं मृदुल भावों से अभिव्यक्त करती हैं। इन्हीं कारणों से पंत को प्रकृति का सुकुमार कवि कहा जाता है।
कृतियां
1.लोकायतन
2 वीणा
3 पल्लव
4 गुंजन
5 ग्रंथि
6 स्वर्णधूली
7 युगपथ
8 अतिमा
हिंदी साहित्य में स्थान
हिंदी साहित्य प्रकृति के सुकुमार कवि को कभी भूल नहीं सकता क्योंकि इनकी कृतियों ने हिंदी साहित्य में अपना अतुलनीय योगदान निभाया है। इनकी कृतियां हमेशा लोगों को आदर्शों से प्रेरित प्रगतिवादी पथ पर ले जाया करती थी अर्थात जिनकी वजह से हिंदी साहित्य में सुमित्रानंदन पंत जी का विशेष योगदान है।
Atul was born in Ahmedabad. He began writing in 2021, and has contributed to the educational and finance content. He lives in Ahmedabad.
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