विद्युत-रासायनिक श्रेणी (Electrochemical Series)

 विद्युत-रासायनिक श्रेणी (Electrochemical Series)

 

विद्युत-रासायनिक श्रेणी (Electrochemical Series)

 

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विद्युत-रासायनिक श्रेणी (Electrochemical Series)👇👇

विभिन्न इलेक्ट्रोडों या उन पर होने वाली अर्द्ध-अभिक्रियाओं के मानक इलेक्ट्रोड विभवों को बढ़ते हुए क्रम में रखने पर जो श्रेणी प्राप्त होती है उसे विद्युत-रासायनिक श्रेणी कहते हैं। इस श्रेणी में सभी  धातु अपनी  सक्रियता (reactivity) के घटते हुए क्रम में स्थित हैं।

[ नोट-वास्तव में विद्युत-रासायनिक श्रेणी में विभिन्न इलेक्ट्रोडों या उन पर होने वाली अर्द्धअभिक्रियाओं के मानक इलेक्ट्रोड विभवों को किसी भी (बढ़ते हुए या घटते हुए) क्रम में रखा जा सकता है।

👉 सूचना :-चूँकि बोर्ड की परीक्षाओं में अब तक सभी प्रश्न इस आधार पर पूछे गये हैं कि विद्युत-रासायनिक श्रेणी में मानक इलेक्ट्रोड विभव बढ़ते क्रम में रखे जायें,

विद्युत-रासायनिक श्रेणी के मुख्य उपयोग

1. विद्युत-रासायनिक श्रेणी की सहायता से धातुओं की क्रियाशीलता की तुलना की जा सकती है।

विद्युत-रासायनिक श्रेणी में जो धातु ऊपर की ओर स्थित हैं उनके इलेक्ट्रोड विभव कम होते हैं,
अर्थात् उनके अपचयन विभव कम होते हैं,
अर्थात् उनके ऑक्सीकरण विभव अधिक होते हैं,

अर्थात् उन पर होने वाली अर्द्ध-अभिक्रियाओं में ऑक्सीकरण होने की प्रवृत्ति अधिक होती है,

अर्थात् उन धातुओं की ऑक्सीकृत होने की प्रवृत्ति अधिक होती है, अर्थात् उन धातुओं की इलेक्ट्रॉन त्याग कर धनायन बनाने की प्रवृत्ति अधिक होती है,

अर्थात् वे धातु अधिक क्रियाशील होती हैं।

अत: धातुओं की क्रियाशीलता उनके इलेक्ट्रोड विभवों के बढ़ते हुए क्रम में घटती है तथा विद्युत-रासायनिक श्रेणी में धातुओं को उनकी सक्रियता (reactivity) के घटते हुए क्रम में रखा गया है।

उदाहरणार्थ-अग्रांकित सारणी में Fe, Cu से ऊपर स्थित है। अत: Fe, Cu से अधिक क्रियाशील धातु है। कुछ प्रमुख धातुओं की सक्रियता का घटता हुआ क्रम इस प्रकार है

K>  Na >  Mg >  Al >  Zn >  Fe >  Cu >   Ag > Pt > Au

किसी अधिक सक्रिय धातु को किसी कम सक्रिय धातु के धनायनों के विलयन में डाल देने से कम सक्रिय धातु मुक्त हो जाती है।

उदाहरणार्थ- Fe विद्युत-रासायनिक श्रेणी में Cu के ऊपर स्थित है तथा Cu से अधिक क्रियाशील है। अत: Fe को CuSO4 विलयन में डालने से यह Cu को मुक्त कर देता है।

Fe + CuSO4→ FeSO4 +Cu

विद्युत-रासायनिक श्रेणी की सहायता से विभिन्न धातुओं द्वारा अम्लों में से हाइड्रोजन विस्थापित कर पाने की क्षमता की जानकारी प्राप्त होती है।

विद्युत-रासायनिक श्रेणी में जो धातु हाइड्रोजन से ऊपर स्थित हैं, हाइड्रोजन की तुलना मेंउनके इलेक्ट्रोड विभव कम होते हैं, अर्थात्
उनके अपचयन विभव कम होते हैं,
अर्थात् उनके ऑक्सीकरण विभव अधिक होते हैं,
अर्थात् उन पर होने वाली अर्द्ध-अभिक्रियाओं में ऑक्सीकरण होने की प्रवृत्ति अधिक होती है,
अर्थात् उनकी ऑक्सीकृत होने की प्रवृत्ति अधिक होती है,
अर्थात् उन धातुओं की धनायन बनाने की प्रवृत्ति अधिक होती है,
अर्थात् वे धातु अम्लों में से हाइड्रोजन को विस्थापित कर सकती हैं।

👉अत: विद्युत-रासायनिक श्रेणी में जो धातु हाइड्रोजन से ऊपर स्थित हैं, वे अम्लों में से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देती हैं।

दूसरे शब्दों में, जिन धातुओं के इलेक्ट्रोड विभव हाइड्रोजन के इलेक्ट्रोड विभव से कम होते हैं, वे धातु अम्लों में से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देती हैं। जिन धातुओं के इलेक्ट्रोड विभव हाइड्रोजन के इलेक्ट्रोड विभव से अधिक होते हैं,वे धातु अम्लों में से हाइड्रोजन विस्थापित नहीं करती हैं।

उदाहरणार्थ-ऐलुमिनियम तथा जिंक विद्युत-रासायनिक श्रेणी में हाइड्रोजन से ऊपर स्थित हैं। Al, Zn तथा हाइड्रोजन के मानक इलेक्ट्रोड विभव क्रमश: -1.66,
– 0.76 तथा 0 वोल्ट हैं। अत: Al तथा Zn, HCI में से हाइड्रोजन विस्थापित कर देते हैं। Al की HCl से अभिक्रिया की गति, Zn की HCl से अभिक्रिया की गति से तीव्र होती है।

2Al + 6HCl→ 2AlCl3 + 3H2

Zn + 2HCl —> ZnCl2 + H2

कॉपर विद्युत-रासायनिक श्रेणी में हाइड्रोजन से नीचे स्थित है। Cu का मानक इलेक्ट्रोड विभव +0.34 वोल्ट है जो हाइड्रोजन के मानक इलेक्ट्रोड विभव से अधिक है। अत: Cu, HCI में से हाइड्रोजन विस्थापित नहीं करता है।

3. विद्युत-रासायनिक श्रेणी की सहायता से विभिन्न ऑक्सीकारकों की ऑक्सीकारक क्षमताओं तथा विभिन्न अपचायकों की अपचायक क्षमताओं की तुलना की जा सकती है।

4. विद्युत-रासायनिक श्रेणी से किसी गैल्वेनिक (या वोल्टीय) सेल के E.M.F की गणना की सकती है।

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For English Medium Students

Electrochemical Series 👇👇

 The range obtained when the standard electrode potentials of different electrodes or semi-reactions occurring on them are in increasing order is called electrochemical range.  All metals in this range are located in decreasing order of their reactivity.

[Note – In fact the standard electrode potentials of different electrodes or semi-reactions occurring on them in the electrochemical category can be placed in any (increasing or decreasing) order.

 👉 Information: – Since all the questions in the board examinations have been asked so far on the basis that standard electrode potentials in the electro-chemical category should be placed in increasing order.

Main uses of electro-chemical grade

1. With the help of electro-chemical grade the reactivity of metals can be compared.

Metals located upward in the electrochemical range have lower electrode potentials,
That is, their reduction potentials are less,
That is, their oxidation potential is high,

That is, the semi-reactions occurring on them have a higher tendency to oxidize,

That is, those metals have a higher tendency to oxidize, ie those metals have a greater tendency to give up electrons and make cations,

That is, those metals are more functional.

Therefore, the reactivity of metals decreases in increasing order of their electrode potentials and metals in the electrochemical category are placed in decreasing order of their reactivity.

For example, in the following table, Fe is located above Cu.  Thus Fe is a more reactive metal than Cu.  The decreasing order of activation of some major metals is as follows

K> Na> Mg> Al> Zn> Fe> Cu> Ag> Pt> Au

Adding a more active metal to the cation solution of a less active metal frees the less active metal.

For example, Fe is located above Cu in the electrochemical category and is more functional than Cu.  Thus, by releasing Fe into the CuSO4 solution, it liberates Cu.

Fe + CuSO4 → FeSO4 + Cu

With the help of the electrochemical category, information is available about the ability of different metals to displace hydrogen from acids.

Metals in the electrochemical category that lie above hydrogen have lower electrode potentials than hydrogen, that is,
Their reduction potentials are less,
That is, their oxidation potential is high,
That is, the semi-reactions occurring on them have a higher tendency to oxidize,
That is, they have a higher tendency to oxidize,
That is, those metals have a higher tendency to make cation,
That is, they can displace hydrogen from metal acids.

Thus, metals in the electrochemical category that are located above hydrogen, displace hydrogen from acids.

In other words, metals whose electrode potentials are less than the electrode potential of hydrogen displace hydrogen from the metal acids.  Metals whose electrode potentials are greater than the electrode potential of hydrogen do not displace hydrogen from the metal acids.

For example, aluminum and zinc lie above hydrogen in the electrochemical category.  The standard electrode potentials of Al, Zn and hydrogen are -1.66, respectively.
– 0.76 and 0 volts.  Hence, Al and Zn displace hydrogen from HCI.  The reaction speed of Al with HCl is faster than the reaction of Zn with HCl.

2Al + 6HCl → 2AlCl3 + 3H2

Zn + 2HCl —> ZnCl2 + H2

Copper lies below hydrogen in the electrochemical category.  The standard electrode potential of Cu is +0.34 volts which is higher than the standard electrode potential of hydrogen.  Thus Cu does not displace hydrogen from HCI.

3. With the help of electro-chemical grade, the oxidizing capacities of various oxidants and the reducing capacities of different oxidants can be compared.

4. E.M.F of a galvanic (or volatile) cell can be calculated from the electrochemical category.

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